आगरा लाईव न्यूज। शहर की यातायात अव्यवस्था एक बार फिर सोशल मीडिया पर सुर्खियों में आ गई है। मंगलवार सुबह जाम में बुरी तरह फंसे एक युवक ने अपना आक्रोश वीडियो बनाकर व्यक्त किया, जो कुछ ही घंटों में वायरल हो गया। युवक ने आरोप लगाया कि दिल्ली पब्लिक स्कूल सहित कई नामी शिक्षण संस्थान ट्रैफिक नियमों को लगातार तोड़ रहे हैं, जिसकी वजह से शहर की प्रमुख सड़कों पर रोजाना जाम की भयावह स्थिति बनती है। वायरल वीडियो थाना सिकंदरा क्षेत्र का बताया जा रहा है, जिसके बाद पूरे इलाके में हलचल तेज हो गई है। वीडियो में युवक गाड़ियों की लंबी कतार, स्कूल बसों की अव्यवस्थित पार्किंग और रॉन्ग साइड से दौड़ते दोपहिया–चारपहिया वाहनों को दिखाते हुए प्रशासन पर सवाल उठाता दिखाई दे रहा है। युवक का कहना है कि स्कूल टाइम पर हालात सबसे ज्यादा बिगड़ते हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में निजी स्कूल वैन, बसें और अभिभावक वाहन सड़क पर मनमाने ढंग से खड़े हो जाते हैं। इससे न सिर्फ जाम बढ़ता है बल्कि बच्चों की सुरक्षा भी जोखिम में पड़ जाती है।
युवक ने अपने वीडियो में साफ कहा कि सिकंदरा के अलावा सेंट पैट्रिक्स–पीटर्स रोड, पालीवाल पार्क गेट और घटिया रोड पर भी रोजाना जाम का आतंक रहता है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस समय पर मौके पर नहीं पहुंचती और अक्सर पूरी तरह नदारद रहती है। हालात यह हैं कि पैदल चलने वाले विद्यार्थियों को प्रतिदिन अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पार करनी पड़ती है। बड़ी शिक्षण संस्थाओं के बाहर सुबह और शाम अनियंत्रित भीड़, अवैध पार्किंग और वाहनों की धक्का-मुक्की आम दृश्य बन चुका है।नस्थानीय लोगों ने भी युवक के आरोपों की पुष्टि करते हुए बताया कि पिछले कई महीनों से इन मार्गों पर जाम की समस्या लगातार बनी हुई है। स्कूलों के बाहर सड़क किनारे अव्यवस्थित पार्किंग से मार्ग संकरा हो जाता है, जिससे कभी–कभी एंबुलेंस तक फंस जाती है। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन और पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

वायरल वीडियो के बाद अभिभावकों तथा स्थानीय नागरिकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि शिक्षण संस्थान अपनी पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त करें और पुलिस स्कूल समय में नियमित रूप से तैनाती सुनिश्चित करे, ताकि रोजाना होने वाले जाम के संकट से राहत मिल सके। युवक का यह वीडियो शहर की उस सच्चाई को उजागर करता है, जो वर्षों से उपेक्षा का शिकार है—शिक्षण संस्थानों की बढ़ती भीड़, अव्यवस्थित यातायात व्यवस्था और प्रशासनिक उदासीनता। अब देखना यह है कि वायरल वीडियो के बाद पुलिस और स्कूल प्रबंधन कितना गंभीर रुख अपनाते हैं।

