आगरा लाईव न्यूज। थाना सिकंदरा क्षेत्र में फायरिंग की सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने मात्र पाँच घंटे के भीतर गिरफ्तार कर अपनी तत्परता का मजबूत संदेश दिया है। पुलिस की इस तेज कार्रवाई के दौरान आरोपियों के कब्जे से 315 बोर का अवैध तमंचा, एक जिंदा कारतूस और एक खोखा कारतूस भी बरामद किया गया है।घटना 8 दिसंबर की रात की है। रूनकता निवासी पीड़ित अपने घर के पास खड़ा था, तभी उसका पड़ोसी इकरार पुत्र असगर वहां पहुंचा और अचानक गाली-गलौज करने लगा। बात बढ़ते ही उसने पीड़ित से धक्का-मुक्की कर दी। जब पीड़ित ने विरोध किया तो इकरार और उग्र हो गया। तभी मौके पर मौजूद उसका साथी मुकीम उर्फ लूसी पुत्र करीद खां भी विवाद में शामिल हो गया। गुस्से में इकरार ने मुकीम को उकसाते हुए कहा—“इसे गोली मार दे।”इकरार की बात पर आवेश में आए मुकीम ने अपने पास मौजूद अवैध तमंचे से पीड़ित पर फायर कर दिया। सौभाग्य से गोली पीड़ित को नहीं लगी और वह बाल-बाल बच गया। गोली चलते ही आसपास के लोग मौके पर दौड़े, जिसके बाद दोनों आरोपी धमकी देते हुए फरार हो गए।
पीड़ित द्वारा थाना सिकंदरा में दी गई तहरीर पर मुकदमा दर्ज होते ही पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस आयुक्तालय के निर्देशन में तत्काल दबिशें शुरू की गईं। 9 दिसंबर की सुबह, मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने मागरौल गांव की तरफ जाने वाले रास्ते के समीप खाली मैदान में घेराबंदी कर दोनों आरोपियों को पकड़ लिया।तलाशी में उनके पास से घटना में प्रयुक्त 315 बोर का तमंचा, साथ ही एक जिंदा व एक खोखा कारतूस बरामद हुआ। पूछताछ में मुकीम ने कबूल किया कि उसने दोस्ती में इकरार के कहने पर फायर किया था। दोनों ने स्वीकार किया कि मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिलते ही वे तमंचा छिपाने पहुंचे थे, तभी पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मुकीम उर्फ लूसी और इकरार, दोनों निवासी व्यापारी मोहल्ला रूनकता, थाना सिकंदरा, के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सिकंदरा पुलिस की इस त्वरित सफलता ने न केवल पीड़ित को राहत दी है, बल्कि क्षेत्र में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर लोगों का भरोसा भी मजबूत किया है।

