बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर उभरा आक्रोश, प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग

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आगरा लाईव न्यूज। उत्तर प्रदेश बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों का आक्रोश खुलकर सामने आ रहा है। लगातार सामने आ रही हिंसा, उत्पीड़न और भय की खबरों के बीच लोगों ने भारत सरकार से कूटनीतिक और मानवीय हस्तक्षेप की मांग तेज कर दी है। उनका कहना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जो हालात बनते जा रहे हैं, वे अब केवल चिंता का विषय नहीं रह गए हैं, बल्कि तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

लोगों ने बांग्लादेश में कथित तौर पर हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि मानवाधिकार, एकता और भाईचारे की बातें करने वाले आज इस मुद्दे पर पूरी तरह चुप हैं। उनका आरोप है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जिस तरह के मुद्दों पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जाती है, उसी गंभीरता से बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की स्थिति को नहीं देखा जा रहा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि देश के कई राजनीतिक दल और संगठन इस विषय पर मौन साधे हुए हैं, जिससे पीड़ित समुदाय में असुरक्षा की भावना और गहरी हो रही है।

लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भावुक अपील करते हुए कहा कि अब केवल बयानबाजी से काम नहीं चलेगा। उनका कहना है कि बांग्लादेश में हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं और वहां रह रहे हिंदुओं की जान व सम्मान गंभीर खतरे में है। उन्होंने मांग की कि भारत सरकार को बांग्लादेश सरकार से सीधे संवाद कर हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर मानवीय आधार पर पीड़ितों को भारत में शरण देने पर भी विचार किया जाए।

आक्रोशित लोगों का कहना है कि स्थिति इस हद तक पहुंच चुकी है कि “पानी सिर से ऊपर जा रहा है”। उन्होंने सवाल उठाया कि बांग्लादेश की कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली एजेंसियां आखिर क्या भूमिका निभा रही हैं और वहां की पुलिस व सेना अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है। उनका आरोप है कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो हालात और भयावह हो सकते हैं।

लोगों ने यह भी कहा कि भारत एक जिम्मेदार और लोकतांत्रिक राष्ट्र है, ऐसे में उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे कथित अत्याचारों का मुद्दा मजबूती से उठाना चाहिए। उनका मानना है कि यह केवल एक देश या समुदाय का मुद्दा नहीं, बल्कि मानवाधिकारों से जुड़ा गंभीर विषय है, जिस पर वैश्विक समुदाय का ध्यान जाना आवश्यक है।

अंत में, लोगों ने देशभर के हिंदू समाज से जाति, वर्ग और क्षेत्रीय भेदभाव से ऊपर उठकर एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के अत्याचार के खिलाफ लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीके से आवाज उठाना जरूरी है। उनका मानना है कि जनदबाव के माध्यम से ही सरकार को इस दिशा में ठोस और प्रभावी कदम उठाने के लिए मजबूर किया जा सकता है, ताकि बांग्लादेश में रह रहे हिंदू अल्पसंख्यकों की जान और सम्मान की रक्षा सुनिश्चित हो सके।

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