आगरा लाईव न्यूज। आगरा–दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग एक बार फिर दर्दनाक हादसे का गवाह बना। आईएसबीटी फ्लाईओवर पर तेज रफ्तार मेटाडोर ने आगे चल रही एक्टिवा को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। हादसा इतना भयावह था कि एक्टिवा सवार बुजुर्ग की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके साथ बैठी नातिन किसी तरह बाल-बाल बच गई। हादसे के बाद बच्ची बुरी तरह सहम गई और रोती-बिलखती नजर आई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बुजुर्ग अपनी नातिन को लेकर फ्लाईओवर से आईएसबीटी की ओर जा रहे थे। इसी दौरान पीछे से तेज गति में आ रही मेटाडोर ने अचानक एक्टिवा में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बुजुर्ग उछलकर सड़क पर गिर पड़े और गंभीर चोटें आने के कारण उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हादसे के बाद कुछ देर के लिए मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
दुर्घटना के तुरंत बाद मेटाडोर चालक वाहन को मौके पर छोड़कर फरार हो गया। आसपास मौजूद लोगों ने किसी तरह बच्ची को संभाला और पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू में लिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मृतक के परिजनों को हादसे की जानकारी दी।#हादसे के चलते आईएसबीटी फ्लाईओवर और हाईवे पर लंबा जाम लग गया। दोनों ओर वाहनों की कतारें लगने से यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। पुलिस ने क्रेन की मदद से दुर्घटनाग्रस्त मेटाडोर को सड़क से हटवाया, जिसके बाद कड़ी मशक्कत के बाद यातायात को धीरे-धीरे सुचारू कराया जा सका। पुलिस ने बच्ची को सुरक्षित उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। वहीं फरार मेटाडोर चालक की तलाश तेज कर दी गई है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, ताकि आरोपी चालक की पहचान कर जल्द गिरफ्तारी की जा सके।
गौरतलब है कि यही आईएसबीटी फ्लाईओवर कुछ दिन पहले भी एक बड़े हादसे का गवाह बन चुका है, जिसमें एमबीबीएस के दो छात्रों की मौत हो गई थी। इसके बावजूद तेज रफ्तार और लापरवाह वाहन चालकों पर कोई ठोस नियंत्रण नहीं लग पाया है। लगातार हो रहे हादसों ने फ्लाईओवर की सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि फ्लाईओवर पर स्पीड कंट्रोल के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं और भारी वाहनों की आवाजाही भी हादसों की बड़ी वजह बन रही है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि यहां गति सीमा सख्ती से लागू की जाए, ट्रैफिक पुलिस की तैनाती बढ़ाई जाए और सीसीटीवी निगरानी को और मजबूत किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसों पर रोक लग सके।

