तीन वर्षों तक ताजनगरी आगरा में अपनी सादगी, अनुशासन और जनसंपर्क की मिसाल कायम करने वाले एसीपी सैयद अरीब अहमद का तबादला हो गया है। उनके जाने की खबर से पुलिस महकमे से लेकर आम नागरिकों तक एक भावनात्मक लहर दौड़ गई।
एसीपी सैयद अरीब अहमद ने अपने कार्यकाल के दौरान न केवल कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया, बल्कि ताज सुरक्षा व्यवस्था को नई दिशा दी। विदेशी सैलानियों की सुरक्षा से लेकर भीड़ प्रबंधन और संवेदनशील मौकों पर संयमित नेतृत्व—हर स्थिति में उन्होंने ताजमहल क्षेत्र को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके मार्गदर्शन में ताज सुरक्षा पुलिस की फ्रेंडली वर्किंग को देश-विदेश के पर्यटकों ने भी सराहा।तीन साल की इस सेवा अवधि में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाया, अपराध नियंत्रण में अहम भूमिका निभाई और पुलिस महकमे में एक ईमानदार, संवेदनशील और अनुशासित अधिकारी के रूप में पहचान बनाई।
उनका स्वभाव जितना दृढ़ था, उतना ही सौम्य भी। वर्दी की गरिमा और मानवीयता का यह सुंदर संगम उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी पहचान बना। विदाई के क्षणों में जब उन्होंने साथियों की ओर देखकर मुस्कुराया, तो गालों पर उभरती मुस्कुराहट की रेखा ने माहौल को भावनाओं से भर दिया।
साथियों ने कहा— “सर का जाना महज एक ट्रांसफर नहीं, बल्कि एक युग का अंत है। ताज सुरक्षा में उनकी मौजूदगी हमेशा याद रहेगी।” तीन साल की सेवा के बाद जब वे नई तैनाती की ओर रवाना हुए, तो पीछे रह गईं उनकी यादें, उनका नेतृत्व और वह मुस्कुराहट—जो आगरा पुलिस की स्मृतियों में लंबे समय तक दर्ज रहेगी।

