खरीफ विपणन में बड़ी कार्रवाई, जिला खाद्य विपणन अधिकारी समेत 5 अधिकारियों पर गिरी गाज

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एमएसपी पर बाजरा खरीद में गड़बड़ी, किसानों से अवैध वसूली की शिकायतें सही पाईं गईं।

आगरा लाईव न्यूज। जनपद में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना में बाजरा खरीद के दौरान सामने आई गंभीर अनियमितताओं को लेकर जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कड़ा रुख अपनाया है। बाजरा क्रय केंद्रों से लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने जिला खाद्य विपणन अधिकारी सहित चार विपणन निरीक्षकों के विरुद्ध कठोर प्रशासनिक व विभागीय कार्रवाई संस्थित करने की संस्तुति शासन को भेज दी है।

जिलाधिकारी के निर्देश पर पूरे प्रकरण की जांच अपर जिलाधिकारी (न्यायिक), आगरा से कराई गई थी। जांच में पाया गया कि जिला खाद्य विपणन अधिकारी नन्द किशोर द्वारा अपने पदीय दायित्वों का समुचित निर्वहन नहीं किया गया। इसके साथ ही तहसील बाह स्थित जैतपुर कला क्रय केंद्र की प्रभारी विपणन निरीक्षक सुश्री रीता सेन, खेरागढ़ के विपणन निरीक्षक विकास जयंत, फतेहपुर सीकरी के विपणन निरीक्षक गंगा प्रसाद यादव तथा मंडी समिति जगनेर के प्रभारी विपणन निरीक्षक निखिल सक्सेना द्वारा बाजरा खरीद प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरती गई।

जांच रिपोर्ट में लक्ष्य के सापेक्ष अतिरिक्त टोकन वितरण, समय से पोर्टल पर बाजरा खरीद अपलोड न करना, किसानों के साथ पारदर्शी एवं व्यवस्थित टोकन प्रक्रिया का पालन न करना और किसानों से निर्धारित दर से अधिक अनाधिकृत धनराशि वसूलने जैसी गंभीर कमियां सामने आईं। इन सभी तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने प्रमुख सचिव, खाद्य एवं रसद तथा आयुक्त, खाद्य एवं रसद को पत्र भेजकर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर विभागीय व प्रशासनिक कार्रवाई की संस्तुति की है।

जिलाधिकारी द्वारा 1 दिसंबर 2025 एवं 16 दिसंबर 2025 को इस संबंध में शासन को विस्तृत पत्र प्रेषित किए जा चुके हैं। साथ ही जनपद के प्रभारी मंत्री को भी पूरे मामले से अवगत कराते हुए आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया गया है। प्रकरण को और अधिक गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को निर्देश दिए हैं कि जिन किसानों को बाजरा फसल खराब होने पर शासन द्वारा मुआवजा राशि दी गई है, उनके नाम पर क्रय केंद्रों पर टोकन जारी किए गए हैं या नहीं तथा उनके द्वारा की गई बाजरा बिक्री का ई-खसरा से मिलान कर गहन जांच की जाए। इसके अलावा जनपद के 10 बड़े किसानों द्वारा बोए गए बाजरा के रकबे के सापेक्ष टोकन जारी होने और खरीदी गई मात्रा की भी विस्तृत जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

लगातार मिल रही शिकायतों, शासन की मंशा के अनुरूप कार्य न करने, पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही और उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना को आधार बनाते हुए जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि किसानों के हितों से किसी भी स्तर पर खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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