आगरा लाईव न्यूज। मथुरा यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए भीषण सड़क हादसे को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह गंभीर है। हादसे की वास्तविक वजह जानने के साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए दीर्घकालिक और तात्कालिक उपायों को भी जांच के दायरे में शामिल किया गया है। जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह द्वारा गठित उच्चस्तरीय जांच समिति हर बिंदु पर गहनता से छानबीन कर रही है और दो दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। यह हादसा थाना बल्देव क्षेत्र के अंतर्गत यमुना एक्सप्रेस-वे पर आगरा से नोएडा की ओर जाने वाले मार्ग पर माइल स्टोन 127 के पास मंगलवार को हुआ था। घटना की गंभीरता को देखते हुए शासन स्तर से भी लगातार निगरानी की जा रही है। इसी क्रम में जिलाधिकारी ने एक बहु-विभागीय जांच समिति का गठन किया था, ताकि हादसे के तकनीकी, प्रशासनिक और मानवीय सभी पहलुओं की गहराई से जांच हो सके।
इन अधिकारियों की समिति कर रही जांच
जांच समिति के अध्यक्ष अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) अमरेश कुमार हैं। समिति में सदस्य के रूप में अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सुरेश चंद्र रावत, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग (निर्माण खंड-1) गुलवीर सिंह, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) राजेश राजपूत, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के महाप्रबंधक (परियोजना) राजेंद्र सिंह भाटी और कंसेशनायर जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के महाप्रबंधक (ऑपरेशन) आनंद सिंह शामिल हैं। समिति अब तक कई बार घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर चुकी है। सड़क की बनावट, दृश्यता, संकेतक, प्रकाश व्यवस्था, गति नियंत्रण, दुर्घटना संभावित क्षेत्रों और मौसमीय परिस्थितियों जैसे सभी बिंदुओं पर गहन मंथन किया जा रहा है।
घायलों, प्रत्यक्षदर्शियों और आमजन के बयान दर्ज
अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) द्वारा हादसे में गंभीर रूप से घायल लोगों, प्रत्यक्षदर्शियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए हैं। अब जांच समिति ने मीडिया कर्मियों से भी सुझाव और सुधारात्मक उपाय लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रशासन का मानना है कि मीडियाकर्मियों और स्थानीय लोगों के सुझाव सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
जांच का बढ़ाया गया दायरा
डीएम द्वारा गठित समिति ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए केवल हादसे के कारण तक खुद को सीमित नहीं रखा है, बल्कि यह भी तय किया जा रहा है कि जब तक स्थायी और दीर्घकालिक सुधार लागू नहीं होते, तब तक अस्थायी तौर पर कौन-कौन से कदम तुरंत उठाए जाएं। चूंकि यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण और कंसेशनायर कंपनी के अधिकारी भी समिति में शामिल हैं, इसलिए अमल योग्य सुझावों पर तत्काल कार्रवाई की संभावना भी बनी हुई है।
सेव लाइफ संस्था ने भी किया निरीक्षण
रोड सेफ्टी के क्षेत्र में कार्य करने वाली प्रतिष्ठित संस्था ‘सेव लाइफ’ ने भी शनिवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस संस्था का परिवहन विभाग से एमओयू है और जहां भी बड़े सड़क हादसे होते हैं, वहां यह संस्था कारणों की पहचान कर निवारण के उपाय सुझाती है। सेव लाइफ अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट लगभग एक सप्ताह में सौंपेगी।
एक्सप्रेस-वे पर रफ्तार पर लगी लगाम
हादसे के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की तेज रफ्तार को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने तत्काल कदम उठाए हैं। एसएसपी श्लोक कुमार के निर्देशन में यातायात पुलिस ने फरवरी माह तक के लिए इंटरसेप्टर से लैस एक इनोवा कार और एक बाइक तैनात कर दी है। इन वाहनों के जरिए तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों के चालान किए जाएंगे, जिनकी राशि पांच हजार रुपये तक हो सकती है। एसपी यातायात मनोज कुमार यादव ने बताया कि घने कोहरे के कारण दृश्यता कम हो जाती है, जिससे हादसों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसी को देखते हुए एक्सप्रेस-वे पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। चार पहिया और दोपहिया इंटरसेप्टर वाहन लगातार गश्त और चेकिंग करेंगे। इनोवा इंटरसेप्टर टोल प्लाजा पर तैनात रहेगा, जबकि बाइक इंटरसेप्टर भ्रमणशील रहेगा।
ये सुविधाएं और सुधार होंगे लागू
जांच और निरीक्षण के दौरान सामने आए सुझावों के आधार पर एक्सप्रेस-वे पर निम्न सुविधाएं और सुधार लागू किए जाने की तैयारी है—एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षित पार्किंग की व्यवस्था, जरूरत वाले चिन्हित स्थानों पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, सड़क पर सफेद पट्टियां और बड़े-बड़े साइनेज बोर्ड, मोड़, पुलिया और कर्व वाले स्थलों पर चेतावनी बोर्ड, कोहरे के मौसम में वाहनों की निर्धारित गति सीमा का सख्ती से पालन
सुझाव देने की अपील
जिलाधिकारी सीपी सिंह ने आमजन और मीडियाकर्मियों से अपील की है कि वे सड़क सुरक्षा और दुर्घटना रोकथाम से जुड़े अपने सुझाव मोबाइल नंबर 9454417721, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के नंबर 9454401103 या जिला सूचना अधिकारी के नंबर 9453005376 पर साझा कर सकते हैं। प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाएगा। जांच रिपोर्ट के हर बिंदु पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक सुधार लागू किए जाएंगे, ताकि यमुना एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

