सेमरा गांव में तालाब बताई जा रही जमीन को लेकर विवाद, नाप-जोख रुकी, नए नक्शे का इंतजार

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जितेन्द्र कुशवाह क्राइम रिपोर्टर

आगरा लाईव न्यूज। थाना खंदौली क्षेत्र के सेमरा गांव में जमीन की बाउंड्री को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जिसके चलते मौके पर चल रही नाप-जोख की प्रक्रिया को प्रशासन ने रोक दिया है। ग्रामीणों ने संबंधित जमीन को तालाब बताते हुए कड़ा विरोध किया, जिसके बाद मामला तनावपूर्ण हो गया। सूचना पर थाना खंदौली क्षेत्र के अधिकारी, कानूनगो और लेखपाल मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभालते हुए फिलहाल पैमाइश का काम स्थगित कर दिया गया। जमीन को लेकर विवाद उस समय गहराया जब जमीन खरीदार द्वारा बाउंड्री कराने के लिए नाप-जोख शुरू कराई गई। ग्रामीणों का आरोप है कि यह जमीन वर्षों से तालाब के रूप में उपयोग में है और गांव की सामुदायिक जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण है। उनका कहना है कि इस जमीन पर किसी भी प्रकार का निजी निर्माण गांव के हितों के खिलाफ है।

वहीं जमीन खरीदार का दावा है कि उन्होंने यह जमीन गांव निवासी लखन सिंह से पूरी तरह वैध तरीके से खरीदी है। खरीदार के अनुसार उनके पास जमीन से संबंधित सभी आवश्यक कागजात मौजूद हैं और राजस्व अभिलेखों में भी यह जमीन विक्रेता लखन सिंह के नाम दर्ज है। उनका कहना है कि नियमों के अनुसार वे अपनी जमीन की पैमाइश और बाउंड्री करा रहे थे, लेकिन विरोध के चलते काम रोक दिया गया। मौके पर पहुंचे कानूनगो ने बताया कि वर्तमान राजस्व रिकॉर्ड में यह जमीन तालाब के रूप में दर्ज नहीं है। अभिलेखों के अनुसार जमीन बंजर श्रेणी में दर्ज है और लखन सिंह के नाम पर खतौनी में अंकित है। हालांकि ग्रामीणों के विरोध और पुराने नक्शों को लेकर उठे सवालों के कारण फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

अधिकारियों का कहना है कि अब आगे की कार्रवाई नए नक्शे के आधार पर ही की जाएगी। नया नक्शा उपलब्ध होने के बाद दोबारा पैमाइश कराई जाएगी और उसी के अनुसार स्थिति स्पष्ट की जाएगी। तब तक न तो कोई विकास कार्य किया जाएगा और न ही नाप-जोख की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। फिलहाल जमीन खरीदार और ग्रामीणों के बीच विवाद का समाधान नहीं हो पाया है। यह मामला गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है और सभी की निगाहें नए नक्शे पर टिकी हैं, जिससे यह तय हो सके कि जमीन वास्तव में तालाब है या राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार बंजर भूमि। प्रशासन का कहना है कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही निष्पक्ष निर्णय लिया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध कार्रवाई न हो सके।

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