गोवर्धन पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है। यह पर्व भगवान कृष्ण की उस लीला को याद करता है जब उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों को मूसलाधार वर्षा से बचाया था। इस त्योहार के दिन, लोग गोवर्धन भगवान की पूजा करते हैं और अन्नकूट का भोग लगाते हैं। यह पर्व प्रकृति के साथ मानव के सीधे संबंध को दर्शाता है और गायों की पूजा भी की जाती है, जिन्हें गौ माता के रूप में पवित्र माना जाता है।
गोवर्धन पूजा की सामग्री :
- गोवर्धन भगवान की तस्वीर या मूर्ति
- अन्नकूट (चावल, गेहूं, दाल आदि)
- फल
- फूल
- दीये
- तेल
- अत्तर
- चंदन
पूजा विधि :
- स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- घर को साफ करें और सजाएं।
- गोवर्धन भगवान की तस्वीर या मूर्ति को स्थापित करें।
- अन्नकूट को भगवान के सामने रखें।
- फल और फूल चढ़ाएं।
- दीये जलाएं और तेल, अत्तर, चंदन से पूजा करें।
- गोवर्धन भगवान की आरती करें।
- पूजा के बाद अन्नकूट का भोग लगाएं।
- परिवार के साथ मिलकर पूजा करें।
- अंत में पूजा सामग्री को वितरित करें।
गोवर्धन पूजा मंत्र :
“ओम गोवर्धनाय विद्महे मुष्टिबर्धनाय धीमहि तन्नो गोवर्धनः प्रचोदयात्”
महत्व :
गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण की उस लीला को याद करती है जब उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों को मूसलाधार वर्षा से बचाया था। यह पर्व प्रकृति के साथ मानव के सीधे संबंध को दर्शाता है और गायों की पूजा भी की जाती है, जिन्हें गौ माता के रूप में पवित्र माना जाता है।
अमिताभ गुप्ता की रिपोर्ट, आगरा