ताजनगरी में सजीव होंगी श्रीकृष्ण की लीलाएं, नए साल में आगरा को मिलेगी ‘गीत गोविंद वाटिका’ की सौगात

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आगरा लाईव न्यूज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ब्रज क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को नई पहचान देने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इसी क्रम में ताजनगरी को एक बड़ी पर्यटन सौगात मिलने जा रही है। आगरा के ताजनगरी फेस-2 स्थित जोनल पार्क के लगभग 19 एकड़ क्षेत्र में भव्य ‘गीत गोविंद वाटिका’ बनकर तैयार हो गई है, जिसे नए साल 2026 की शुरुआत में आम जनता और पर्यटकों को समर्पित किया जाएगा। यह वाटिका ब्रज संस्कृति, भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और भारतीय धार्मिक परंपराओं का सजीव केंद्र बनेगी।

योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य आगरा को केवल ऐतिहासिक स्मारकों तक सीमित न रखकर सांस्कृतिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करना है। ‘गीत गोविंद वाटिका’ के शुरू होने से न केवल देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा, बल्कि ताजनगरी में रात्रि प्रवास को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तहत इस वाटिका में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। करीब 4.19 करोड़ रुपये की लागत से थीम आधारित लाइटिंग और लेजर शो की व्यवस्था की गई है। वाटिका में बनाए गए फाउंटेन की वाटर वॉल पर करीब 30 मिनट का विशेष लेजर शो प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से लेकर महाभारत के महत्वपूर्ण प्रसंगों तक का जीवंत चित्रण किया जाएगा। इसके साथ ही लगभग 4.14 करोड़ रुपये की लागत से विकसित यह थीम पार्क रात के समय पर्यटकों को एक अद्भुत और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगा।

वाटिका में प्रवेश करते ही पर्यटकों को ब्रज संस्कृति के साक्षात दर्शन होंगे। यहां महाभारत के प्रमुख प्रसंगों को दर्शाया गया है, जिनमें कुरुक्षेत्र का मैदान, माखन चोर लीला और वाटर बॉडी में निर्मित कालिया नाग का दृश्य विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। इसके अलावा गोवर्धन पर्वत और पांडवों के छह शंखों के भव्य स्कल्पचर भी स्थापित किए गए हैं, जो दर्शकों को भारतीय पौराणिक कथाओं से जोड़ेंगे। भगवान श्रीकृष्ण के प्रति आस्था और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को एक साथ प्रस्तुत करते हुए वाटिका में एक एकड़ क्षेत्र में ‘तुलसी वन’ विकसित किया गया है। इस वन में तुलसी की 100 से अधिक प्रजातियां रोपी गई हैं, जो धार्मिक महत्व के साथ-साथ औषधीय दृष्टि से भी उपयोगी मानी जाती हैं।

आगरा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एम. अरून्मोली ने बताया कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य आगरा को दिन के पर्यटन तक सीमित न रखकर रात्रिकालीन पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाना है। अब तक पर्यटक दिन में ताजमहल और अन्य स्मारकों का भ्रमण कर वापस लौट जाते थे, लेकिन ‘गीत गोविंद वाटिका’ के शुरू होने से वे आगरा में रुकने के लिए प्रेरित होंगे। इससे होटल, रेस्टोरेंट, परिवहन और स्थानीय कारीगरों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि परियोजना का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और इसे नए साल की शुरुआत में जनता को समर्पित करने की पूरी तैयारी है।

वाटिका के दो एकड़ क्षेत्र में एक विशाल मुक्ताकाशीय मंच का निर्माण भी किया गया है। इस मंच पर नियमित रूप से रासलीला, भजन संध्या और अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे पर्यटकों को ब्रज की लोक कला और परंपराओं से जुड़ने का अवसर मिलेगा। रेड स्टोन से बने गजीबो और दीवारों पर उकेरे गए गीता के उपदेश यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराएंगे। परियोजना की तकनीकी जानकारी देते हुए आगरा विकास प्राधिकरण के जूनियर इंजीनियर प्रमोद कुमार ने बताया कि गीत गोविंद वाटिका का निर्माण कार्य गुणवत्ता के उच्च मानकों के अनुरूप किया गया है। लेजर शो की प्रोग्रामिंग से लेकर स्कल्पचर की फिनिशिंग तक हर पहलू को ब्रज की मूल भावना के अनुरूप तैयार किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से भी यह पार्क अत्याधुनिक होगा और हर आयु वर्ग के लोगों के लिए यहां कुछ न कुछ आकर्षण मौजूद रहेगा।

योगी सरकार का यह प्रयास आगरा के पर्यटन को ताजमहल से आगे बढ़ाकर ब्रज की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत से जोड़ने का सशक्त माध्यम बन रहा है। ‘गीत गोविंद वाटिका’ न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और संवर्धित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

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