आगरा लाईव न्यूज। ताजनगरी में नहीं रुक रहा नकली दवा बनाने का सिलसिला जी हां हम बात कर रहे हैं आगरा की। ताज के दीदार के लिए लोग दुनियाभर से आते हैं। यह शहर ताज के लिए ही नहीं, बल्कि मेडिकल के बड़ी हब के लिए भी जाना जाता है। अब ताजनगरी नकली दवाइयों की बड़ी मंडी बनती जा रही है। अभी तक आगरा में मनुष्यों के लिए उपयोग में आने वाली दवाइयां नकली मिल रहीं थीं, लेकिन दौलत के भूखे भेड़ियों ने बेजुबान पशुओं को भी नहीं बख्शा।
आपको बता दें थाना सिकंदरा के शास्त्रीपुरम क्षेत्र में नकली दवाइयां बनाने वाली दो अवैध फैक्ट्रियों पर थाना सिकंदरा पुलिस टीम, नगर जोन की एसओजी और सर्विलांस टीम ने छापा मारकर भारी मात्रा में कच्चा सामान और उपकरण जब्त कर लिए हैं। ये लोग विदेशों में भी दवा की सप्लाई कर रहे थे। पुलिस ने संचालक सहित आठ लोगों को हिरासत में ले लिया, जिनसे पूछताछ की जा रही है।
ड्रग विभाग दवाइयों की सैंपलिंग करने साथ ही कीमत का आंकलन कर रहा है। पुलिस ने छापा डालकर दोनों स्थानों से दवा बनाने के आधुनिक उपकरण और कच्चा माल जब्त किया है। पुलिस ने बल्केश्वर के रहने वाले अश्वनी कुमार गुप्ता और उसके साले बिचपुरी के नरसी विलेज में रहने वाले सौरभ दुबे को अरेस्ट किया है। छापे में पैकिंग मशीन, कच्चा माल और बाहर भेजने के लिए पैक दवाएं बरामद की हैं।
खाद्य सुरखा एवं औषधि प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंची। जिन दवाओं को यहां से बरामद किया गया है उनमें पशुओं को दी जाने वाले इन्फेक्शन, दर्द, मल्टी विटामिन और एंटी एलर्जिक दवाइयां हैं। इन दवाइयों को राजस्थान और गुजरात भी भेजा जाता था, टीम आगे की कार्रवाई कर रही है। पुलिस को देख वहां के कर्मचारियों में भगदड़ मच गई।
डीसीपी ने बताया कि पुलिस इन नकली दवा माफिया के पूरे नेटवर्क को तोड़ने का प्रयास करेंगी। ये लोग दवा कहां कहां भेजते हैं, किन किन राज्यों एवं शहरों में सप्लाई है। सभी की जानकारी जुटाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इन फैक्ट्रियों से भारत के विभिन्न राज्यों में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सप्लाई की जाती है।
पूरे प्रकरण में गहनता के साथ जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीसीपी ने बताया दोनों के फैक्ट्री में संचालकों, प्रबंधकों के साथ साथ यहां पर काम कर रहे श्रमिकों को गिरफ्तार किया गया है। श्रमिकों में कई ऐसी महिलाएं भी हैं, जो दैनिक भत्ते पर काम करती हैं। पुलिस ने यहां से भारी मात्रा में दवाइयों के साथ-साथ कच्चा माल, मशीनरी, पैकेजिंग मैटेरियल, शीशी, बॉटल्स, फिनिस्ड गुड्स बरामद किया है।
डीसीपी ने बताया कि दोनों फैक्ट्रियों के बारे में ड्रग्स विभाग को जानकारी दे दी गई है। ड्रग विभाग द्वारा ही एस्टीमेशन किया जाएगा। दोनों फैक्ट्रियों में कितने का माल है, क्या इनकी कास्ट है, यह ड्रग विभाग ही बता सकता है। डीसीपी ने बताया कि शास्त्रीपुरम की इन नकली दवा फैक्ट्री में जानवरों की दवाइयां बनाई जाती हैं।