स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में आगरा को नंबर वन बनाने के उद्देश्य से महापौर ने नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ की बैठक
बोलीं- सर्वेक्षण में नंबर वन आना कोई कठिन कार्य नहीं, बस हमें रोजाना के कार्यों को ज्यादा लगन व मेहनत के साथ करना है।
आगरा लाईब न्यूज। महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने कहा है कि आगरा को स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में नंबर वन बनाने के संकल्प के साथ नगर निगम के सभी कर्मचारी काम करें। हम सभी जब इस संकल्प के साथ काम करने के लिए मैदान में उतरेंगे तो इसमें कोई शक नहीं हैं कि हम अपने लक्ष्य को हासिल न कर पाएं। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की तैयारियों को लेकर नगर निगम कार्यकारिणी में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहीं थीं।उन्होंने कहा कि नंबर वन का लक्ष्य हासिल करना बहुत कठिन काम नहीं है। जो कार्य हम रुटीन में करते है। उसी को थोड़ा और सलीके और समय से करना है। इसलिए अभी से प्लानिंग करके कार्य को अंजाम दें। आगामी दो माह में सर्वेक्षण के लिए भारत सरकार की टीम कभी भी आ सकती है।
अतः अभी से सभी कर्मचारी इसके लिए कमर कस लें। इस दौरान कुछ एसएफआई द्वारा अपनी समस्याएं रखते हुए उन्हें बताया कि शहर भर में पुलिस थानों के आसपास पकड़े गये और दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को सड़कों के किनारे खड़ा कर दिये जाने के कारण वहां लोग टॉयलेट आदि कर गंदगी करते हैं। थाना न्यू आगरा का इस दौरान उदाहरण भी दिया गया। इस पर मेयर ने कहा कि इसके लिए नगरायुक्त के माध्यम से पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा जाए। इस प्रकार के वाहनों को सड़कों के किनारे खड़ा करने के खाली पड़े स्थानों या थानों के अंदर खड़ा कराया जाए जिससे लोग गंदगी न करें। इन स्थानों पर बोर्ड या बैनर लगाकर लोगों को गंदगी न करने के लिए जागरुक करते हुए जुर्माने की चेतावनी भी दी जाए।
उन्होंने कहा कि शराब के ठेके पर अक्सर ही प्लास्टिक के गिलास आदि फेंके जाने से गंदगी दिखाई देती है। अतः सभी शराब के ठेकों नोटिस आदि जारी कर चेतावनी दी जाए कि यदि उनके सामने गंदगी पायी जाती है तो उन्हें भारी जुर्माना चुकाना होगा। सफाई मित्रों द्वारा कार्य में बरती जा रही लापरवाही पर उन्होंने अधिकारियों को सख्त रवैया अपनाये जाने का निर्देश देते हुए कहा कि इनके कार्य की रोजना समीक्षा की जाए। सुपरवाइजर उनकी डेली हाजिरी लगाये जाने के साथ ही उनके आने व जाने के समय की भी समीक्षा करें। अभी भी शहर में तमाम ऐसे स्थान दिखाई दे जाते हैं जहां पर सफाई व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है।
कुछ एसएफआई द्वारा अतिक्रमण हटाओ और पॉलीथिन के खिलाफ कार्रवाई के दौरान पार्षदों के हस्तक्षेप पर चिंता जताते हुए कहा कि पार्षदों के हस्तेक्षप के कारण कई बार वे अभियान को ठीक से नहीं चला पाते हैं। इस पर मेयर ने कहा कि अभियान चलाये जाने से पूर्व पार्षदों को अवगत करा दिया जाए तो इस प्रकार दिक्कतें नहीं आएंगी। उन्होंने कहा कि शहर को नबंर वन बनाने के लिए उन्हें जो भी सपोर्ट चाहिए वो दिया जाएगा। कहा कि सर्वेक्षण के दौरान देखे जाने वाले मानकों क्रमशः सफाई व्यवस्था,शौचालय, सौंदर्यीकरण, विकास और चलाये जा रहे प्रोजेक्ट आदि के कार्यों को जल्द से जल्द चाक चौबंद कर लिया जाए। सीएंडडी वेस्ट, वाटर लॉगिंग, कूड़े का सेग्रीगेशन, कंपोस्ट प्लांट, डिवायडरों, डस्टबिन और वॉल पेंटिंग आदि को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाए। सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता को लेकर साइन बोर्ड लगाये जाएं। स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम कहीं भी और कभी भी आकर कर्मचारियों के साथ-साथ लोगों से भी स्वच्छता के विषय में सवाल जवाब कर सकती है ।
जरूरी है कि हम कार्य के साथ जनता को भी अपने कार्यों के प्रति जागरुक कर उनकी सहभगिता कराएं। प्रोजेक्टर के माध्यम से नगर निगम द्वारा कराये जा रहे कार्यों का भी प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र प्रसाद यादव, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. संजीव वर्मा, मुख्य अभियंता बीएल गुप्ता, स्वच्छ भारत मिशन प्रभारी और पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण, सह प्रभारी स्वच्छ भारत मिशन स्वदेश कुमार, उपसभापति हेमलता चौहान, जेडएसओ, सीएसएफआई, एसएफआई सहित नगर निगम के सभी विभागों के कर्मचारी और अधिकारियों के अलावा नगर निगम की सहयोगी संस्थाएं जेएसएनवायरो, फीडबैक फाउंडेशन, स्वच्छता कारपोरेशन, संवेदना डवलेपमेंट सोसायटी और नेचर ग्रीन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।