साल भर में पांच लाख वृक्षारोपण के लक्ष्य से हरा-भरा होगा आगरा

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किशोर शक्ति फाउंडेशन द्वारा ताजनगरी को सवारने के लिए जारी है मुहिम, अब तक लग चुके 16,300 पौधे, वयां कर रहे हैं संकल्प सिद्धि की हकीकत।

आगरा। पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण के महत्व को समझते हुए किशोर शक्ति फाउंडेशन द्वारा “शक्ति ऑफ फॉरेस्ट” अभियान के तहत प्रतिवर्ष पांच लाख पौधे रोपने के लक्ष्य रखा गया है। बुधवार को आयोजित हुए वृक्षारोपण कार्यक्रम के साथ पौधे लगने का आंकड़ा 16,300 पर पहुंच गया है। अभियान के विषय में जानकारी देते हुए किशोर शक्ति फाउंडेशन के निदेशक दीपक अग्रवाल ने बताया कि योजनाबद्ध तरीके से वृक्षारोपण अभियान का संचालन किया जा रहा है। जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों के सहयोग से जगह चिन्हित की जाती हैं। जिसके तहत नगर निगम, नगरपालिका, वन विभाग, उद्यान विभाग, स्कूलों और निजी कॉलोनी वासियों के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है।

वृक्षारोपण और उनके रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए टीम बनाई गई हैं। खास बात यह है कि प्रत्येक पौधे की जीओ टैगिंग भी की जाती है। ताजमहल के लिए विश्व मानचित्र पर पहचाना जाने वाला आगरा जरूरी है, यहां के प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाए, यही इस अभियान का मूल उद्देश्य है। घटते वन्य क्षेत्र और दूषित होती हवा को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट बार-बार अपनी चिंता व्यक्त कर चुका है और नियमित रूप से आदेश पारित किए हैं। इस पर हम सभी को मानवीय दायित्व समझकर कार्य करने की आवश्यकता है।

विदेशी मेहमानों ने किया वृक्षारोपण स्थलों का दौरा : अभियान को मॉनिटर कर रही संयोजक साक्षी अग्रवाल ने बताया कि आज सांकेतिक वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, बृहद स्तर पर पेड़ मानसून से पहले लगाए जाएंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि वृक्षारोपण के इस अभियान को देश ही नहीं, विदेशों में भी खास तौर पर सराहा जा रहा है। इसी श्रृंखला में स्वीडन से पधारे विदेशी मेहमान नदीन और ओम ने वृक्षारोपण स्थलों का दौरा कर अभियान की जानकारी लेते हुए बारीकी से अभियान को समझा। उन्होंने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण संरक्षण सिर्फ भारत की जरूरत नहीं है, यह आज एक वैश्विक मुद्दा है।

इसके लिए इस प्रकार के सार्थक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। इस दौरान वृक्षारोपण की मुहिम “शक्ति ऑफ फॉरेस्ट” में जुटे कार्यकर्ताओं के साथ स्नेह अग्रवाल, सतीश अग्रवाल विशेष रूप से मौजूद रहे।

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