गोवर्धन पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो दिवाली के बाद के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान कृष्ण की विजय का प्रतीक है और इसे अन्नकूट पूजन के नाम से भी जाना जाता है। गोवर्धन पूजन की कहानी भगवान कृष्ण और इंद्र के बीच के युद्ध से जुड़ी है।
यह कथा इस प्रकार है :
गोकुल में रहने वाले लोग हर साल इंद्र की पूजा करते थे और उन्हें अन्न और धन की पूजा के रूप में चढ़ाते थे। भगवान कृष्ण ने उन्हें समझाया कि इंद्र की पूजा करने से कोई लाभ नहीं होगा, क्योंकि इंद्र तो केवल वर्षा के लिए जिम्मेदार है, लेकिन असली शक्ति तो भगवान की ही है।लेकिन गोकुल के लोगों ने भगवान कृष्ण की बात नहीं मानी और इंद्र की पूजा करने लगे। इससे इंद्र को गर्व हो गया और उसने गोकुल पर वर्षा की सजा देने का फैसला किया।भगवान कृष्ण ने गोकुल के लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया और उसे अपनी उंगली पर रखा। इससे गोकुल के लोगों को वर्षा से बचाया गया।इंद्र ने भगवान कृष्ण की शक्ति को देखकर अपनी गलती का एहसास किया और भगवान कृष्ण से माफी मांगी। भगवान कृष्ण ने इंद्र को माफ कर दिया और गोकुल के लोगों को अन्न और धन की पूजा करने की सलाह दी।इस तरह गोवर्धन पूजन की शुरुआत हुई और यह त्योहार हर साल दिवाली के बाद के दिन मनाया जाता है।
गोवर्धन पूजा की कथा
गोवर्धन पूजा की कथा भगवान कृष्ण और इंद्र के बीच के युद्ध से जुड़ी है। कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने इंद्र को हराकर गोवर्धन पर्वत को उठाया था और उसे अपनी उंगली पर रखा था, जिससे गोकुल के लोगों को वर्षा से बचाया गया था।
गोवर्धन पूजा की विधि, गोवर्धन पूजा की विधि इस प्रकार है :
1. सुबह स्नान करें और नए कपड़े पहनें।
2. घर को साफ करें और गोवर्धन पूजन के लिए एक विशेष स्थान तैयार करें।
3. गोवर्धन पर्वत की मिट्टी से बनी मूर्ति या गोवर्धन पर्वत की तस्वीर को स्थापित करें।
4. भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा करें और उन्हें फूल, फल और अन्नकूट का भोग लगाएं।
5. परिवार के सभी सदस्यों को गोवर्धन पूजन में शामिल होना चाहिए।
गोवर्धन पूजा का महत्व, गोवर्धन पूजा का महत्व इस प्रकार है :
1. भगवान कृष्ण की विजय का प्रतीक है।
2. अन्नकूट पूजन के रूप में मनाया जाता है, जो अन्न की पूजा का प्रतीक है।
3. परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और एकता को बढ़ावा देता है।
4. भगवान कृष्ण की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।
गोवर्धन पूजा के दिन किए जाने वाले कार्य, गोवर्धन पूजा के दिन किए जाने वाले कार्य इस प्रकार हैं :
1. गोवर्धन पूजन करें।
2. अन्नकूट का भोग लगाएं।
3. भगवान कृष्ण की आराधना करें।
4. परिवार के साथ मिलकर भोजन करें।
5. दान और पुण्य कार्य करें।
गोवर्धन पूजा के दिन न करने वाले कार्य, गोवर्धन पूजा के दिन न करने वाले कार्य इस प्रकार हैं :
1. कोई भी शुभ कार्य न करें।
2. कोई भी नए कार्य की शुरुआत न करें।
3. किसी को भी उधार न दें।
4. किसी को भी अपशब्द न कहें।
5. कोई भी हानिकारक कार्य न करें।