
आगरा के नटराजपुरम, कमलानगर निवासी अनुज अग्रवाल हार्डवेयर कारोबारी हैं और उनके भाई सौरभ अग्रवाल नोएडा में बैंक में कार्यरत हैं। छह माह पहले उन्होंने टाटा टिगोर कार खरीदी थी। त्योहार पर वह आगरा आए थे। बैलोन मैया के दर्शन का कार्यक्रम दोनों परिवारों ने संयुक्त रूप से पहले ही तय कर लिया था। इसी के तहत ये लोग शुक्रवार को दर्शन के लिए निकले थे। इससे पहले रात भर तैयारियां की थीं। सुबह सात बजे आगरा से बुलंदशहर जनपद के बैलोन मैया के दर्शन के लिए रवाना हुए। दर्शन के बाद वहीं खाना खाया और फिर कापस आगरा के लिए रवाना हो गए।

शाम करीब चार बजे ये लोग हाथरस से आगे निकले। चंदपा कोतवाली क्षेत्र में गांव केवलगढ़ी के निकट भीषण हादसा हो गया। कार रोड की दूसरी तरफ दायीं ओर के क्रैश बैरियर को तोड़कर गड्ढे में जा गिरी। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि नींद की झपकी के कारण कार अनियंत्रित हुई है। बैरियर से करीब 10 मीटर दूर कार थी। कार की छत उड़ चुकी थी। इस भयावह हादसे को देखकर हर कोई सहम गया। राहगीर जहां के तहां ठिठक गए।
हादसे के तुरंत बाद ग्रामीणों की मदद से पुलिस बचाव कार्य में जुट गई। बमुश्किल बच्चों और महिलाओं को बाहर निकाला जा सका। चैतन्य, रूबी, निताई और सोनम को हाथरस जिला अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। सौरभ और गौरांग की हालत ज्यादा गंभीर थी। गौरांग की आगरा के निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई।
आपको बता दे हादसे में घायल हुए सौरभ ने रिश्तेदारों को बताया कि बड़े भाई अनुज कार चला रहे थे। वे आगे बैठे थे। अचानक अनुज चीखे। इसके बाद गाड़ी डिवाइडर से टकराकर खाई में पलट गई। हादसे का कारण क्या है? इसकी जानकारी नहीं है। अनुज की बड़ी बेटी इशिता दादी के पास ही रुक गई थी। अन्य सभी भाई बहन साथ में गए थे। हादसे की जानकारी होने पर इशिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। अनुज के पिता अनिल कुमार अग्रवाल की एक दशक पहले हादसे में मृत्यु हुई थी। परिवार किसी तरह उस दुख को भुलाने की कोशिश कर रहा था। दोनों भाइयों के परिवार में बहुत प्यार था। वे एक दूसरे से मिलकर रहते थे। सौरभ हर त्योहार पर घर आते थे।अनुज ने अपने छोटे भाई सौरभ के बेटे निताई को गोद ले लिया था। तब से वह अनुज के साथ ही रहता था।
हादसे में निताई की भी मृत्यु हो गई। उधर, सौरभ के दोनों बेटों चैतन्य और गौरांग की भी हादसे में मृत्यु हो गई। दोनों की पत्नियों की भी मृत्यु हो गई है। अनुज की मां सुधा अग्रवाल हृदयरोगी हैं। हाथरस में हादसे में दोनों बहुओं और तीन नातियों की खबर सुनकर उनकी हालत बिगड़ सकती थी। इसलिए स्वजन ने रात तक उन्हें जानकारी नहीं दी। देर रात जब एक साथ पांच शव घर पहुंचे, ये देखकर वे बेसुध हो गईं।