आगरा में तत्कालीन थाना मंटोला थाना शमशाबाद थाना शाहगंज जीआरपी थाना टूंडला जीआरपी थाना आगरा फोर्ट आदि प्रमुख थानों में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात रहे। निष्ठावान रईस अहमद कर्तव्यों के प्रति हमेशा पुलिस विभाग का समय-समय पर नाम रौशन करने वाले उपनिरीक्षक रईस अहमद को शासन द्वारा थ्री स्टार से नवाजा गया है सनद रहे कि रईस अहमद उपनिरीक्षक की जहां-जहां तैनाती रही। हर एंगल से अपराधों पर अंकुश लगाने का हमेशा काम किया है और हर गुड वर्क का बहुत ही सजगता से अनावरण भी किया है वहीं थाना टूंडला जीआरपी में तैनाती के दौरान रईस अहमद ने हज़ारों अवैध रूप से कारतूस सप्लाई करने वाले गैंग का भी पर्दाफाश किया था जिसमें कई जनपदों से साहसी रईस अहमद ने अपनी कुशल टीम के साथ बड़े-बड़े दुर्दांत अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
हजारों कारतूसों की सप्लाई करने वाले गैंग का पर्दाफाश करने के लिए तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रेलवे मुस्ताक अहमद ने खासतौर से रईस अहमद को अवैध कारतूस गैंग के सरगना को गिरफ्तार करने के लिए कुशल टीम का नेतृत्व करते हुए अनुभवी रईस अहमद को जिम्मेदारी दी गई जिसमें रईस अहमद पूर्ण रूप से कामयाब हुए और कुशल टीम का नेतृत्व करते हुए गैंग के खुलासा भी किया गया इस सफलता पर पुलिस विभाग द्वारा रईस अहमद को टीम सहित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
वहीं उपनिरीक्षक रईस अहमद की कार्य कुशलता कार्य क्षमता विभाग के प्रति समर्पित होकर कार्य करना उपनिरीक्षक रईस अहमद का जुनून कहें या सच्ची देश सेवा साहसी तेजतर्रार कहे जाने वाले रईस अहमद को उनकी लगन परिश्रम अपराधों पर अंकुश लगाने हमेशा कानून को सर्वोपरि मानते वाले उपनिरीक्षक रईस अहमद को शासन द्वारा थ्री स्टार से नवाजा गया है कहते हैं हौंसले हों बुलंद तो मंजिलें कदम चूमतीं है इसी कड़ी को मज़बूत करते हुए तत्कालीन आगरा पुलिस कप्तान जिले की बागडोर संभालते हुए विभागीय जांच कराई की कौन दरोगा किस तरीके कार्य कर रहे हैं जिसमें उपनिरीक्षक रईस अहमद का भी नाम आया की रईस अहमद पुलिस विभाग में रहते हुए।
अपराधियों भू माफियाओं गैंगस्टरों पेशेवर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने का जुनून रखने वाले उपनिरीक्षक हैं जिसके चलते उपनिरीक्षक रईस अहमद को चिन्हित कर लिया गया रईस अहमद निरंतर अपराधियों भू माफियाओं वांछित गैंगस्टरों आदि पेशेवर अपराधियों को चुनौतीपूर्ण जेल की सलाखों में भेजने में संपूर्ण नजर आ रहे थे रईस अहमद की कार्य क्षमता को दृष्टिगत रखते हुए तत्कालीन आगरा पुलिस कप्तान ने रईस अहमद को अपराधों को खत्म करने हेतु शहर के संवेदनशील कहे जाने वाले थाना मंटोला में उपनिरीक्षक के रूप तैनात किया थाना मंटोला में भी तैनाती के दौरान अपराधियों को चुनौती पूर्ण स्वीकार करते हुए कुशल टीम के साथ क्षेत्र में निरंतर अपराधों पर अंकुश लगाते हुए क्षेत्र के गुंडा तत्व शरारती तत्व अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने का सराहनीय कार्य करते हुए पुलिस का विभाग का नाम रौशन किया।
रईस अहमद की सजकता के चलते क्षेत्र के न जाने कितने अपराधी बाहुबली गुंडे मवाली भोले शरीफ लोगों को डराने धमकाने वाले क्षेत्र से पलायन करने पर मजबूर हो गए और संपूर्ण थाना क्षेत्र इलाके में कानून का अस्तित्व नजर आने लगा जो आज भी कायम है ट्रांसफर प्रक्रिया के अनुसार साहसी रईस अहमद की तैनाती कानपुर है रईस अहमद की वर्दी पर डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिवेदी आईपीएस एडीसीपी महेश कुमार एसीपी डॉ. राघवेंद्र कुमार राहुल एसीपी आईपी सिंह आदि महानुभावों ने अपने मुबारक हाथों से रईस अहमद की वर्दी पर कामयाबी का एक तारा और लगा दिया है रईस अहमद भविष्य में इंस्पेक्टर के रूप में अपनी सेवाओं का आदान प्रदान करेंगे वहीं बेखौफ होकर अपराधियों को क़ानून का पाठ अवश्य पढ़ाएंगे किस्मत की लकीर काफी लंबी है आगे चलकर यह पदस्थ उच्च अधिकारी भी बनेंगे वर्तमान में रईस अहमद कानपुर में रहकर अपनी जिम्मेदारियां को निभा रहे हैं।