कार्यालयों में कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति नहीं करेगा कार्य, अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा विभागीय कार्य सम्पन्न करते हुए पाये जाने पर सम्बन्धित विभागाध्यक्ष के विरूद्ध होगी शासकीय व वैधानिक कार्यवाही-जिलाधिकारी
मुख्यमंत्री जनता दर्शन के दौरान प्राप्त शिकायतों का शीर्ष अधिकारी शिकायतकर्ता के साथ स्थलीय निरीक्षण करते हुए गुणवत्तापूर्ण करें निस्तारण-जिलाधिकारी।
प्राप्त जन शिकायतों का हो गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण, किसी भी स्तर पर शिथिलता नहीं होगी क्षम्य-जिलाधिकारी
आगरा। जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में जन समस्याओं से सम्बन्धित आईजीआरएस प्रोर्टल, मुख्यमंत्री पोर्टल तथा तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण हेतु समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक में अपर जिलाधिकारी (प्रो0) द्वारा बताया गया कि विगत माह 01 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के मध्य शासन द्वारा शिकायत निस्तारण के सम्बन्ध में शिकायतकर्ताओं से वार्ता कर शिकायत निस्तारण की गुणवत्ता का फीडबैक लिया गया, जिसमें अधिशासी अभियंता विद्युत के 117 में से 62 असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त हुए इसी प्रकार जिला समाज कल्याण अधिकारी के 39 के सापेक्ष 22, अधिशासी अभियंता प्रांतीय खण्ड लो0नि0वि0 के 30 के सापेक्ष 24, सहायक श्रमायुक्त के 23 के सापेक्ष 20 तथा सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता के 10 के सापेक्ष 09 असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त हुए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी अवगत कराया कि मुख्यमंत्री जी को सम्बोधित जनता दर्शन के दौरान प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में विभाग/जनपद के शीर्ष अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता के साथ स्थलीय निरीक्षण करते हुए गुणवत्तापूर्ण निस्तारण आख्या अपलोड की जायेगी साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि शिकायतकर्ता पूर्णतः संतुष्ट हो।
उक्त के अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि शासन द्वारा निर्देश प्राप्त हुए हैं कि ‘सी‘ श्रेणी के निगेटिव फीडबैक अथवा असंतुष्ट फीडबैक जोकि शासन द्वारा अथवा मण्डलायुक्त द्वारा प्राप्त कर पुनः शिकायत को निस्तारण हेतु ओपन किया जाता है, उसके सम्बन्ध में जिस अधिकारी द्वारा आख्या अपलोड की गई तथा असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त हुआ है उसे उसके उच्चाधिकारियों द्वारा स्पष्टीकरण निर्गत करते हुए स्वयं गुणवत्तापूर्ण एवं सुस्पष्ट आख्या अपलोड करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। जिलाधिकारी द्वारा सभी जनपद स्तरीय अधिकारियों को अवगत कराते हुए बताया गया कि शासन द्वारा अन्तिम 10 में जनपद का स्थान आने पर डीओ लेटर निर्गत किया गया है, इसके अतिरिक्त शासन द्वारा निस्तारण में सम्बन्धित अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता से वार्ता न करने तथा सम्बन्धित अधिकारी द्वारा स्वयं स्थलीय निरीक्षण न कर आख्या अपलोड करने के सम्बन्ध में भी शासन द्वारा डीओ लेटर निर्गत किया गया है।
जिलाधिकारी ने सभी जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्तर पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण निर्धारित समय सीमा के अन्दर किया जाए और यदि किसी विभाग के अधिकारी द्वारा अपने व अपने अधीनस्तों से सम्बन्धित शिकायतों का निस्तारण समय सीमा के अन्दर नहीं किया जाता है तो उस जनपद स्तरीय अधिकारी की विभागीय जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए उनके विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। साथ ही उच्चाधिकारियों को भी कार्यों में शिथिलता बरतने के सम्बन्ध में पत्राचार कर अवगत करा दिया जायेगा। जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिए हैं कि वर्तमान माह में कोई भी प्रकरण डिफाल्ट श्रेणी में न आये तथा अपलोड की गई आख्या चाहे वह स्वयं की हो या अधीनस्थ की हो का अवलोकन अवश्य करें तथा संतुष्ट होने की स्थिति में ही अग्रसारित की जाये। उन्होंने कहा कि आईजीआरएस, मुख्यमंत्री पोर्टल, तहसील दिवस के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण एवं सार्थक हो यह शासन की प्राथमिकता में है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं की जायेगी।
इसके अलावा उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जनपद स्तरीय अधिकारी प्रतिदिन प्रातः काल स्वयं का लॉगिन कर अपने विभाग से सम्बन्धित शिकायतों का अवलोकन करें तथा डिफाल्ट श्रेणी में आने वाली शिकायतों का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यदि शिकायत राजस्व व पुलिस से सम्बन्धित है तो दोनों विभागों से समन्वय कर उनकी मौजूदगी में शिकायतकर्ता के साथ स्थलीय निरीक्षण करते हुए शिकायत का निस्तारण कराया जाये तथा शिकायतकर्ता को वास्तवित स्थिति से अवगत कराया जाये। उक्त के अतिरिक्त जिलाधिकारी महोदय द्वारा नहरों की सिल्ट सफाई, गड्ढा मुक्त सड़कों की जांच, चकरोड निर्माण, तालाबों के पट्टे आदि विकास एवं योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
जिलाधिकारी द्वारा सभी जनपद स्तरीय अधिकारियों को सचेत करते हुए निर्देश दिए गये कि उनके विभाग के कार्यालयों में कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति कार्य करता नहीं पाया जाना चाहिए और यदि जांच के दौरान यदि किसी कार्यालय में अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा विभागीय कार्यों का सम्पादन करते हुए मिले तो सम्बन्धित विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उसके विरूद्ध शासकीय व वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह, सचिव, आगरा विकास प्राधिकरण श्रद्धा सांडिल्य, जिला विकास अधिकारी राकेश रंजन, मुख्य चिकित्साधिकारी अरूण श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी (प्रो0) प्रशान्त तिवारी, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) शुभांगी शुक्ला, जिला पंचायत राज अधिकारी, मनीष कुमार, उप निदेशक, कृषि पी0के0 मिश्रा सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।