आगरा। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन यूटा आगरा के जिला महामंत्री राजीव वर्मा ने बताया कि आगरा में शिक्षा मित्रों और रसोइयों की मेहनत को पहचान देने की जरूरत है। वर्तमान में, शिक्षा मित्रों को मात्र 10,000 रुपये का मानदेय दिया जाता है, जो आज की महंगाई के दौर में बेहद कम है। शिक्षा मित्रों की भूमिका विद्यालयों में शिक्षकों की तरह महत्वपूर्ण होती है, वे शिक्षकों की मदद करते हैं और छात्रों को पढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। लेकिन उनका मानदेय इतना कम है कि वे अपने परिवार का गुजर-बसर करने में भी असमर्थ हैं।
इसी तरह, मिड डे मील के तहत ताजा खाना बनाने वाली रसोइयों को मात्र 2,000 रुपये का मानदेय दिया जाता है, जो कि बहुत कम है। रसोइयों का काम भी बहुत महत्वपूर्ण है, वे छात्रों को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन प्रदान करती हैं। जिला महामंत्री राजीव वर्मा ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग को शिक्षा मित्रों और रसोइयों का मानदेय बढ़ाने की जरूरत है। शिक्षा मित्रों का मानदेय कम से कम 20,000 रुपये और रसोइयों का मानदेय कम से कम 5,000 रुपये किया जाना चाहिए।
यह बढ़ा हुआ मानदेय शिक्षा मित्रों और रसोइयों को उनकी मेहनत के अनुसार प्रदान किया जाएगा और वे अपने परिवार का गुजर-बसर करने में सक्षम होंगे। साथ ही, यह विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा। यूटा जिला महामंत्री राजीव वर्मा ने बेसिक शिक्षा विभाग से अनुरोध किया है कि वे शिक्षा मित्रों और रसोइयों का मानदेय बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।