अलीगढ़ के सीसीटीएनएस कार्यालय/ रिजर्व पुलिस लाइन्स के GD कार्यालय के पुलिस कर्मियों को ‘GD-cum-Biometric System’ के सम्बन्ध में दिया गया प्रशिक्षण…
“Efficiency Labs’ पहल पुलिस कमिश्ररेट आगरा की सेवा, सुरक्षा और नवाचार के लिए है प्रतिबद्ध
आगरा। पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट के निर्देशन में पुलिस कमिश्नरेट आगरा की कार्यप्रणाली के आधुनिकीकरण हेतु ‘IIT (Innovation & Information Technology) Cell’ का गठन किया गया था। इस सेल का उद्देश्य पुलिस कार्यप्रणाली को दक्ष, जनसेवा में सुधार की प्रतिबद्ध और अधिक प्रभावी बनाने व पुलिस विभाग में संसाधनों का प्रभावी उपयोग, संचालन में पारदर्शिता और विभाग की कार्यक्षमता को बढ़ाना है। इसी क्रम में ‘IIT Cell’ के पर्यवेक्षण में श्रीमान पुलिस उपायुक्त पश्चिमी, कमिश्नरेट आगरा द्वारा पश्चिमी जोनल कार्यालय पर ‘eCOP (Efficiency Cell for Optimized Policing) Cell’ का गठन किया गया।आज पुलिस उपायुक्त पश्चिमी, कमिश्नरेट आगरा द्वारा कलेक्ट्रेट स्थित जोनल कार्यालय पर eCOP Cell की ‘Efficiency Labs (दक्षता प्रयोगशाला)’ पहल के तहत जनपद अलीगढ़ के सीसीटीएनएस कार्यालय व रिजर्व पुलिस लाइन्स जी०डी० कार्यालय के कर्मचारीगण के साथ ऑनलाइन जनरल डायरी (जीडी)) व बायोमेट्रिक सिस्टम के सम्बन्ध में प्रशिक्षण गया। प्रशिक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।
ऑनलाइन जीडी के संभावित फायदेः
पारदर्शिता में सुधारः ऑनलाइन प्रणाली से शिकायतों का रिकॉर्ड डिजिटली सुरक्षित रहेगा, जिससे हेरफेर की संभावना नहीं होगी।
कार्यप्रणाली में तेजीः मैनुअल प्रक्रिया की तुलना में ऑनलाइन जीडी तेजी से दर्ज की जा सकती है, जिससे पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ेगी।
डेटा का बेहतर प्रबंधनः सभी जीडी रिकॉर्ड डिजिटली संग्रहीत होने से केस ट्रैकिंग, रिपोर्टिंग और विश्लेषण आसान होगा।
मैनपावर का सही उपयोगः पुलिसकर्मियों का अधिक समय फील्ड वर्क और जांच में लगाया जा सकेगा, क्योंकि जीडी दर्ज करने की प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी।
डेटा एनालिटिक्स का उपयोगः ऑनलाइन जीडी के डेटा का विश्लेषण करके अपराध के पैटर्न समझे जा सकते हैं, जिससे सुरक्षा रणनीति बेहतर बनाई जा सकेगी।
सेंट्रलाइज्ड सिस्टमः सभी थानों के डेटा को एक जगह इकट्ठा करने से अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी।
बायोमेट्रिक सिस्टम के संभावित फायदेः
सटीक और पारदर्शी उपस्थिति रिकॉर्डः कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक सिस्टम (फिंगरप्रिंट/फेस रेकग्निशन) के जरिए स्वतः दर्ज होगी, जिससे फर्जी हाजिरी (प्रॉक्सी अटेंडेंस) पर रोक लग सकेगी।
अनुशासन और समयबद्धताः सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को समय पर ड्यूटी पर पहुंचने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे कार्यक्षमता बढ़ेगी।
रियल-टाइम मॉनिटरिंगः वरिष्ठ अधिकारी किसी भी समय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए पुलिस बल की उपस्थिति की निगरानी कर सकते हैं।
कार्यक्रम और ड्यूटी शेड्यूल का बेहतर प्रबंधनः उपस्थिति डेटा का विश्लेषण करके शिफ्ट और ड्यूटी रोस्टर को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
जवाबदेही में वृद्धिः प्रत्येक कर्मचारी की समयबद्धता और ड्यूटी पर उपस्थिति ट्रैक होने से कार्य के प्रति जवाबदेही बढ़ेगी।अनुशासनात्मक कार्यवाही में सहूलियतः गैरहाजिर या देर से आने वाले कर्मचारियों की पहचान आसानी से की जा सकेगी, जिससे उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई संभव होगी। ‘GD-cum-Biometric System’ के प्रभावी क्रियान्वयन व सुचारू संचालन से पुलिस बल में अनुशासन, पारदर्शिता और कार्यक्षमता में सुधार होगा। इस प्रणाली का सफल क्रियान्वयन पुलिस प्रशासन को आधुनिक और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तकनीकी सुधार से पुलिस बल के प्रबंधन में कई सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।