महासभा की संपत्ति को अवैध रूप से विक्रय करने से उग्र हुआ समाज

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माथुर वैश्य मंडलीय परिषद आगरा ने समाज की दान की संपत्ति को बेचने से बचाने को किया बैठक का आयोजन।

आगरा लाईव न्यूज। अखिल भारतीय माथुर वैश्य महासभा की निवर्तमान अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता(बनारस) द्वारा महासभा की दान की संपत्ति को बेचने पर समाज में रोष व्याप्त हो गया है। फतेहाबाद रोड स्थित एसएनजे ताज ग्राण्ड होटल में महासभा की संम्पत्ति को अवैध रूप से विक्रय करने पर बैठक का मंडलीय परिषद आगरा ने आयोजन किया। अंतरिम अध्यक्ष अवनीशकांत गुप्ता ने कहा कि निवर्तमान अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता संस्था की सम्पत्तियों को खुर्द-बुर्द कर रहे हैं। मथुरा स्थित महासभा को दान में मिले भूखण्ड को 2 करोड़ रुपये की अनुमानित क़ीमत की जमींन दुरभि सन्धि करते हुए 21 लाख रुपये लेकर अपनी सहमति से दानदाता सुशीला गुप्ता के पुत्र को राजीनामा के माध्यम से वापस कर समाज के साथ विश्वासघात किया है। 5 फरवरी 2025 को समाज की ओर से पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता, विनोद गुप्ता सर्राफ व अवनीश कान्त गुप्ता ने सिविल जज मथुरा के यहाँ वाद दायर किया, जिस पर माननीय न्यायालय ने स्टे प्रदान कर दिया है।

महामंत्री मनोज गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2021 में राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद से ही अशोक कुमार गुप्ता अपनी मनमानी करते हुए संस्था के हितों के विरूद्ध कार्य कर रहे हैं। सर्वप्रथम उन्होंने माथुर वैश्य छात्रावास के दानदाताओं की सहमति के बिना ही उसे तुड़वाकर माथुर वैश्य अतिथि गृह के रूप में परिवर्तित कर पुनरुद्धार करना शुरु करा दिया। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता ने महासभा कार्य समिति की अवहेलना करते हुए दिनांक 12 जुलाई 2022 व सितम्बर 2022 में दो ट्रस्ट गठित कर समाज के पचकुईयां स्थित महासभा भवन, स्थित भूखण्ड को माथुर वैश्य छात्रावास, करौली स्थित माथुर वैश्य महासभा माँ कैला देवी भवन व मथुरा ट्रस्ट में निहित कर अपनी गलत मंशा जाहिर कर दी।

मंडलाध्यक्ष अशोक गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने अपने कृत्यों पर परदा डालने के उद्देश्य से समाज के गढ़ आगरा की जगह 23-24 फरवरी 2024 को चेन्नई में प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन कर महासभा के पूर्व में प्रचलित विधान में अपने मनमाफिक संशोधन करा लिए। चेन्नई में पारित संशोधनों के विरुद्ध आगरा के मण्डलाध्यक्ष व 52 शाखा सभाओं के पदाधिकारियों द्वारा प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने की मांग की गयी, किन्तु हठधर्मी का परिचय देते हुए प्रतिनिधि सम्मेलन नहीं बुलाया गया। आगरा मण्डल के द्वारा 7 जुलाई 2024 को आगरा में प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें 1500 से अधिक प्रतिनिधियों व 102 कार्यसमिति सदस्य उपस्थित थे, जिन्होंने विधानानुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष को पदच्युत कर दिया, किन्तु हठधर्मी का परिचय देते हुए वह आज भी पदासीन है। उन्होंने हठधर्मिता का परिचय देते हुए लगभग 5.50 लाख रूपये की धनराशि माथुर वैश्य महासभा भवन पर पुलिस सुरक्षा हेतु जमा कर समाज की धनराशि का दुरुपयोग किया।

पूर्व महासभा अध्यक्ष राकेश कॉन्टेक्टर ने कहा कि महासभा का पूर्व में ही पंजीकरण होने के बावजूद राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा वर्ष 2023 में आगरा में एक और नया पंजीकरण करा लिया गया, जिसके विरुद्ध भी रजिस्ट्रार फर्मस एवं सोसायटी के यहाँ सुनवाई चल रही है । इसके अतिरिक्त वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपनी हिटलरशाही दिखाते हुए अपने विरोध में स्वर उठाने वाले निर्वतमान राष्ट्रीय अध्यक्ष व महामंत्री सहित काफी कार्यसमिति सदस्यों को समाज से निष्कासित कर दिया है।निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक गुप्ता के द्वारा इस सत्र में किए गये समाज विरोधी कार्यो पर पर्दा डला रहे, इस हेतु स्थानीय ईकाइयों के अपनी मनमर्जी से चुनाव करा रहे है। इस अवसर पर बैठक में रधुनाथ प्रसाद गुप्ता, राकेश कुमार, वीरेंद्र गुप्ता, विनय गुप्ता, दिवाकर गुप्ता, विनोद सर्राफ, संजय गुप्ता, मुकेश गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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