आगरा लाईव न्यूज। साइबर अपराधियों के एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए आगरा साइबर क्राइम पुलिस ने कोटा राजस्थान से दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी खुद को सीबीआई, ईडी, टीआरएआइ और पुलिस अधिकारी बताकर वीडियो कॉल के जरिए लोगों को धमकाते थे। और उन्हें ड्रग्स व मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में फंसाने की धमकी देकर लाखों रुपये वसूलते थे। थाना साइबर क्राइम में दर्ज शिकायत के अनुसार 16 जनवरी को आगरा निवासी एक पीड़िता को टीआरएआइ से इंटरनेशनल कॉल आई। वीडियो कॉल पर एक शख्स ने खुद को बांद्रा पुलिस अधिकारी बताया और कहा कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग तस्करी में शामिल है।
इसके बाद उसे डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी देकर गिरफ्तारी वारंट दिखाया गया। इस डर से पीड़िता ने आरोपियों के खाते में कुल 2.80 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। घटना की शिकायत मिलने के बाद साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरोपियों के मोबाइल नंबर, बैंक खाते और डिजिटल ट्रांजेक्शन को ट्रैक किया गया। जांच के दौरान पता चला कि गिरोह राजस्थान के कोटा में सक्रिय है। रविवार को पुलिस टीम ने छापेमारी कर दो आरोपियों आरिफ खान और दिव्यांश गहलोत को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक ब्रेजा कार, मोबाइल, एक चेक, दो आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, एक पहचान पत्र, आठ डेबिट,क्रेडिट कार्ड अन्य सामान बरामद किया है।
पुलिस जांच के दौरान आरोपियों के बैंक खातों में से 80 हजार रूपये फ्रीज कर लिए गए। न्यायालय के आदेशानुसार यह राशि पीड़िता के खाते में वापस कर दी गई। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे विदेशों में बैठे साइबर ठगों (कंबोडिया, वियतनाम आदि) से संपर्क में रहते थे। ये गिरोह फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को इंटरनेशनल वीडियो कॉल करते थे। और डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर उनसे लाखों रुपये ऐंठ लेते थे। पैसे मिलने के बाद वे अलग-अलग बैंक खातों में रकम ट्रांसफर कर, एटीएम और चेक के जरिए निकाल लेते थे।
पकड़ा गया आरोपी आरिफ खान पुत्र सरफुद्दीन रेलवे कॉलोनी कोटा, दिव्यांश गहलोत पुत्र राजेंद्र कुमार गहलोत रेलवे वर्कशॉप कॉलोनी कोटा राजस्थान का रहने वाला है। गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम प्रभारी निरीक्षक समय सिंह थाना साइबर क्राइम, निरीक्षक श्याम सिंह थाना साइबर क्राइम, उप निरीक्षक विमल कुमार,