शिक्षा विभाग की नाकामी या प्रशासन की लापरवाही? दो दिन पहले दी गई शिकायत के बाद भी पुलिस क्यों रही खामोश, विद्यालय में तालाबंदी, मारपीट और दस्तावेज गायब – शिक्षा विभाग क्यों मौन?
आगरा। शुक्रवार को आगरा के थाना ताजगंज क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत नौबरी के प्राथमिक विद्यालय में उस समय हड़कंप मच गया जब निलंबित प्रधानाध्यापिका रीना कुमारी अपने पति के साथ स्कूल पहुंचीं और वहां तैनात सहायक अध्यापिकाओं से कहासुनी के बाद जमकर मारपीट हुई। इस दौरान रीना कुमारी के पति ने सहायक अध्यापिका पुष्पा चौहान को थप्पड़ मार दिया और इसके बाद लाठी-डंडे चलने लगे। विद्यालय परिसर में हुई इस घटना से अफरा-तफरी का माहौल बन गया और ग्रामीण भी बड़ी संख्या में मौके पर इकट्ठा हो गए। स्थानीय लोगों ने किसी तरह मामला शांत कराया, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापिकाओं का आरोप है कि निलंबित प्रधानाध्यापिका रीना कुमारी पहले भी कई बार विवाद कर चुकी हैं और विद्यालय के कामकाज में बाधा डालती रही हैं। सहायक अध्यापिका कंचन कुमारी के अनुसार, 5 मार्च को रीना कुमारी ने स्कूल में लगे सरकारी ताले तोड़कर अपने निजी ताले लगा दिए थे, जिससे विद्यालय संचालन प्रभावित हुआ। जब प्रशासन के निर्देश पर ताले खोले गए, तो वह अपने पति के साथ स्कूल पहुंचीं और शिक्षकों के साथ हाथापाई शुरू कर दी।
शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल! निलंबित प्रधानाध्यापिका पर पहले सख्त कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
यह घटना शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है कि आखिर निलंबित प्रधान अध्यापिका के खिलाफ पहले ही ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए? वहीं, विद्यालय में इस तरह की घटनाओं के कारण न केवल शिक्षक बल्कि विद्यार्थी भी मानसिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं। स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग के लिए यह मामला एक गंभीर चेतावनी है कि विद्यालयों में अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की अप्रिय घटनाएं दोबारा न हों।
संवाददाता बृजमोहन निगम कि रिपोर्ट