प्रोफेसर ने शोधार्थी से खजुराहो के होटल में किया दुष्कर्म, शादी का झांसा देने का आरोप, फोटो और चैट साक्ष्य पुलिस को सौंपे

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आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के खंदारी परिसर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ बेसिक साइंसेज (आईबीएस) में कार्यरत एक प्रोफेसर पर उसी संस्थान की शोधार्थी ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने पुलिस को फोटो, चैट और कॉल रिकॉर्डिंग के साक्ष्य भी सौंपे हैं। आरोप है कि प्रोफेसर ने उसे खजुराहो और बरसाना के होटलों में कई बार शारीरिक शोषण किया। इतना ही नहीं, जब शोधार्थी ने विरोध किया तो उसे जान से मारने और करियर बर्बाद करने की धमकी दी गई। मामला न्यू आगरा थाना क्षेत्र का है। पीड़िता ने शनिवार को दी गई तहरीर में लिखा कि वह आईबीएस के रसायन विज्ञान विभाग में शोध कर रही है और आरोपित प्रोफेसर गौतम जैसवार उसके को-गाइड हैं। प्रोफेसर शादीशुदा हैं और मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से पीएचडी की है और विश्वविद्यालय में लंबे समय से कार्यरत हैं।

💢 शादी का झांसा देकर किया शोषण

शोधार्थी ने बताया कि प्रो. जैसवार ने दो वर्ष पहले उससे नजदीकी बढ़ाई और धीरे-धीरे शादी का वादा कर उसे विश्वास में ले लिया। इसी बहाने वह उसे कई बार अपने साथ बाहर ले जाते रहे। आरोप है कि प्रोफेसर ने उसे खजुराहो ले जाकर तीन दिन तक होटल में रखा और वहां उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। जब भी शोधार्थी शादी की बात करती, तो प्रोफेसर बहाने बनाकर बात टाल देते। कुछ महीने पहले वह उसे बरसाना भी ले गए, जहां फिर होटल में जबरन संबंध बनाए गए। पीड़िता ने पुलिस को इन घटनाओं के होटल बुकिंग रिकॉर्ड, फोटो और मोबाइल चैट साक्ष्य के रूप में सौंपे हैं।

💢 छुट्टी के दिन विभाग में बुलाते थे…

शोधार्थी ने आगे आरोप लगाया कि प्रोफेसर पिछले दो साल से रविवार की छुट्टी के दिन दोपहर बाद उसे विभाग में बुलाते थे, यह कहते हुए कि शोध प्रगति पर चर्चा करनी है। वह शाम छह बजे तक उसे वहीं रोककर रखते। अन्य कर्मचारियों ने भी बताया कि सामान्यतः खंदारी परिसर के विभाग शाम चार बजे तक बंद हो जाते हैं, लेकिन आईबीएस का रसायन विज्ञान विभाग अक्सर शाम सात बजे तक खुला रहता था।

💢 विरोध करने पर की हाथापाई और धमकी

शोधार्थी ने बताया कि बीते शनिवार को प्रो. जैसवार ने उसे आईबीएस स्थित अपने कार्यालय में बातचीत के बहाने बुलाया, जहां मोबाइल छीनकर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की। जब उसने विरोध किया तो प्रोफेसर ने हाथापाई की और कहा कि “अगर किसी को बताया तो करियर बर्बाद कर दूंगा।” इस दौरान जान से मारने की धमकी भी दी गई।

💢 पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

इंस्पेक्टर न्यू आगरा राजीव त्यागी ने बताया कि शोधार्थी की तहरीर पर प्रो. गौतम जैसवार के खिलाफ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म, धमकी और साक्ष्य नष्ट करने के प्रयास की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने आरोपों की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि प्रोफेसर से संपर्क करने की कोशिश की गई, मगर उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला। वॉट्सऐप पर भेजा गया संदेश भी अनुत्तरित रहा।

💢 सम्मानित प्रोफेसर अब जांच के घेरे में

इस मामले ने विश्वविद्यालय प्रशासन को भी हिला दिया है, क्योंकि प्रो. गौतम जैसवार को हाल ही में सम्मानित किया गया था। अगस्त 2025 में आयोजित विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में शिक्षण कार्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें पुरस्कार प्रदान किया गया था।

💢 कुलपति ने दी जांच के आदेश

मामले की गंभीरता को देखते हुए कुलपति प्रो. आशु रानी ने कहा कि अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन को इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली थी, लेकिन अब पुलिस द्वारा दर्ज मामले की जानकारी ली जा रही है।

“पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई है, साथ ही, विश्वविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ को भी मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। यदि आरोप सत्य पाए गए, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
— प्रो. आशु रानी, कुलपति,

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय

💢 छात्र संगठनों की सक्रियता, कैंपस में चर्चा

इस पूरे प्रकरण से विश्वविद्यालय परिसर में खलबली मच गई है। रविवार को कई छात्र संगठनों के प्रतिनिधि पीड़ित शोधार्थी से मिले और निष्पक्ष जांच की मांग की। सोमवार से विश्वविद्यालय खुलने के बाद यह मामला कैंपस में मुख्य चर्चा का विषय रहने वाला है। इस मामले ने न केवल आईबीएस के वातावरण को झकझोर दिया है, बल्कि एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि शोध मार्गदर्शक और छात्र के बीच विश्वास का रिश्ता जब निजी स्वार्थ में बदल जाता है, तो पीड़ित के लिए न्याय की राह कितनी कठिन हो जाती है।

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