ट्रक में घुसी कार, दरोगा समेत 7 की टक्कर से तबाही, सिपाही और चालक की मौत, पांच गंभीर घायल
आगरा। रविवार की सुबह आगरा-जयपुर हाईवे पर हुई एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना ने पूरे पुलिस महकमे और क्षेत्र में सनसनी फैला दी। फतेहपुर सीकरी के पास एक बेकाबू अर्टिगा कार सड़क किनारे खड़े ट्रक में जा घुसी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और मौके पर ही सिपाही व कार चालक की मौत हो गई। वहीं दरोगा समेत पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तत्काल एसएन मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया।

दबिश देकर लौट रही थी पुलिस टीम
जानकारी के अनुसार, निबोहरा थाने की पुलिस टीम एक महिला की गुमशुदगी के मामले में राजस्थान के सूरतगढ़ गई थी। टीम में एसआई गौरव कुमार, कॉन्स्टेबल गौरव प्रताप सिंह, ग्राम प्रधान सत्येंद्र, वादी गोविंद, उसका भाई अरविंद, बहनोई रवि कुमार और कार चालक देवा शामिल थे। यह सभी लोग महिला नैना देवी को बरामद कर शनिवार रात को ही लौट रहे थे। कार में कुल आठ लोग सवार थे, जिनमें महिला नैना भी शामिल थी।रविवार सुबह करीब पांच बजे जब कार फतेहपुर सीकरी रोड पर पहुंची, तभी यह हादसा हो गया। हाईवे पर सड़क किनारे खड़े ट्रक में अर्टिगा कार पीछे से जा टकराई। झटके की तीव्रता इतनी जबरदस्त थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह पिचक गया और छत उड़ गई। चालक और सिपाही के शव कार के बोनट में फंस गए जिन्हें नेशनल हाईवे अथॉरिटी के कर्मचारियों ने गैस कटर की मदद से बाहर निकाला।

झपकी बनी हादसे की वजह
कार में सवार घायल युवक हेमंत ने बताया कि “हम पूरी रात सफर में थे। ड्राइवर लगातार गाड़ी चला रहा था। अचानक शायद नींद आने से उसकी आंख लग गई और कार ट्रक में जा घुसी। एक पल में सब कुछ खत्म हो गया। पहले तो ऐसा लगा कि पीछे से किसी ने हमें टक्कर मारी है, लेकिन तभी सब बेहोश हो गए।” हेमंत ने बताया कि उसकी भाभी नैना, भाई गोविंद और पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं। नैना और गोविंद का इलाज एसएन मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है, जबकि बाकी पुलिसकर्मियों का इलाज अन्य अस्पतालों में कराया जा रहा है।

शव निकालने में लगा एक घंटा
हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। राहगीरों ने तुरंत पुलिस और एम्बुलेंस को सूचना दी। पुलिस टीम और एनएचएआई कर्मी मौके पर पहुंचे और गैस कटर की मदद से कार को काटकर अंदर फंसे शवों को बाहर निकाला गया। दोनों मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

मृतकों के घरों में मचा कोहराम
कुमपुरा गांव के निवासी कार चालक देवा की मौत से गांव में मातम छा गया। देवा की पत्नी प्रियंका बदहवास हालत में है। मोहल्ले की महिलाएं उसे सांत्वना देती रहीं। देवा के दो छोटे बच्चे पिता की मौत से अनजान होकर घर के आंगन में खेलते रहे। परिवार और पड़ोसी स्तब्ध हैं कि जो देवा कल तक सबकी मदद करता था, आज वह नहीं रहा। वहीं सिपाही गौरव प्रताप सिंह बुलंदशहर के खुर्जा क्षेत्र के रहने वाले थे। वह 2011 बैच के सिपाही थे और आठ फरवरी 2024 से आगरा के निबोहरा थाने में तैनात थे। उनकी मौत की खबर मिलते ही पुलिस लाइन और थाना परिसर में शोक की लहर दौड़ गई। गौरव के परिवार में पत्नी और आठ वर्षीय बेटा है।

महिला की गुमशुदगी में गई थी टीम
जानकारी के मुताबिक, निबोहरा थाने के कुमपुरा गांव निवासी गोविंद की पत्नी नैना देवी करवा चौथ के दिन किसी के साथ घर से चली गई थी। गोविंद ने इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई थी। मोबाइल लोकेशन राजस्थान में मिलने पर पुलिस टीम शनिवार रात दबिश देने गई थी। नैना को बरामद कर टीम रातभर सफर करते हुए वापस लौट रही थी कि यह हादसा हो गया।

पुलिस विभाग में शोक
इस दर्दनाक हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई। वरिष्ठ अधिकारियों ने ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया और परिजनों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया। हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि लंबी ड्यूटी और लगातार सफर करने से कई बार पुलिस कर्मियों और ड्राइवरों को पर्याप्त विश्राम नहीं मिल पाता, जिसकी कीमत जान देकर चुकानी पड़ती है।

