उम्र कैद : अपहरण के 25 साल पुराने मामले में आरोपी को हुई सजा

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आगरा लाईव न्यूज। अपहरण की घटना के 37 दिन बाद राम मोहन को पुलिस ने बदमाशों से मुड़भेड़ के बाद मुक्त करा लिया। पुलिस ने उक्त मामले में आरोपी बेताल, मनोज, कैलाशी ठाकुर, भूरा, रुमाल सिंह आदि के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत किया था। आपको बता दें थाना डौकी में दर्ज मामले के अनुसार राधामोहन के भाई राममोहन सात अप्रैल 1999 की रात घर से खाना खाकर ट्यूबवेल पर सोने गये थे। रात में आरोपी बेताल एवं अन्य बदमाशों ने गांव के ही राम सिंह को डरा धमकाकर और पैर में फावड़े से चोट लगने के बहाने से ट्यूबवेल का दरवाजा खुलवाया। जैसे ही वादी राधामोहन के भाई राममोहन ने दरवाजा खोला, बाहर खड़े बदमाशो ने हथियारों के बल पर राममोहन को मारना-पीटना शुरू कर दिया और पीटते हुये ही अपने साथ ले गए।

गांव के राम सिंह और प्रेम सिंह को भी बदमाश अपने साथ ले आए थे, जिन्हें थोड़ी दूर जाकर छोड़ दिया। बदमाश वादी के भाई राममोहन को यमुना के बीहड़ो में ले गये और वहां सांकल से हाथ-पैर बांधकर बंधक बना लिया। बदमाशों ने अंतर्देशीय पत्र प्रेषित कर वादी से लाखों की फिरौती की मांग की। विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र नीरज कुमार बक्सी ने पत्रावली पर उपलब्ध सबूत एवं एडीजीसी नाहर सिंह तोमर के तर्क पर आरोपी बेताल को फिरौती के लिए अपहरण एवं आपराधिक षड्यन्त्र के आरोप में आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। इस मामले में 16 दिसम्बर 1999 को आरोपी बेताल की पत्रावली अन्य आरोपियों से पृथक कर दी गई थीं। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे के वादी राधा मोहन, पीड़ित राम मोहन सहित दस गवाह अदालत में पेश हुए।

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