आगरा लाईव न्यूज। आज नगर निगम द्वारा आयोजित आगरा में प्रथम बार चुनरी मनोरथ यमुना महाआरती में होगा नौका से यमुना के इस पर से उस पर यमुना जी को साड़ी धारण करवाई।

यमुना भक्त आपको करना चाहते हैं की यमुना आरती पॉइंट मथुराधीश मंदिर के सामने ढोल नगाड़ों के साथ यमुना महारानी की 121 साड़ियों का श्रृंगार श्रद्धालु यमुना के तट पर लेकर गए उसके पश्चात मथुरा से पधारे चतुर्वेदी समाज के विश्राम घाट की मुख्य पुजारी इस पूजन को संपन्न करवाया।

इसका महात्व क्या हैं…
‘जब भगवान मीराबाई के साथ नाथद्वारा गए, तब ठाकुर जी ने मीराबाई से तीन बातें कहीं। पहली आगे आगे आप चलिए पीछे-पीछे मैं चलूंगा। पीछे मुड़कर देख लेंगे तो मैं वहीं पर पत्थर का हो जाऊंगा और चैन श्रृंगार में मथुरा में ही यमुना के साथ करूंगा, तो यमुना मैया का आज भी नाथद्वारा में शयन नहीं होता है. शयन करने ठाकुर जी यमुना महारानी के महल में ही पधारते हैं।

यमुना महारानी भगवान की प्रथम पटरानी हैं और जब भगवान कृष्ण गोकुल गए थे, तब यमुना महारानी ने ही पहले माला भगवान को पहनाई।’

चुन्नी मनोरथ क्यों किया जाता है…
‘चुनरी मनोरथ ठाकुर और यमुना महारानी का जुगल श्रृंगार है. मथुरा-वृंदावन में चुनरी मनोरथ करने से सुख शांति लक्ष्मी प्राप्त होती है। न यमराज बोलता है और न शनि बोलता है। दोनों ने कहा कि जो हमारी बहन का सम्मान करेगा, उसको हम नही सताएंगे।

यहां पूजा पाठ करने से शनि की कृपा और यमराज की फांस से मुक्ति दिलाने वाला होता है और बड़े भाग्य वाले ही इसे संपन्न करा पाते हैं। विधि विधान से यमुना आरती महंत पंडित जुगल किशोर श्रोत्रिय एवं अपला श्रोत्रिय ने नियमित रूप से माँ यमुना का पूजन किया।