सीसीटीवी फुटेज से सुलझ रहे केस, 15 दिन में 45 लोगों ने लिया लाभ, एक्सीडेंट, चोरी और लूट की जांच के लिए लोग पहुंचे स्मार्ट सिटी कंट्रोल सेंटर, हादसों की हकीकत जानने के लिए स्मार्ट सिटी पहुंच रहे लोग, 15 दिन में 45 लोगों ने देखे सीसीटीवी फुटेज, चोरी के सबसे अधिक मामले।
आगरा लाईव न्यूज। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों का उपयोग अब केवल ट्रैफिक मॉनिटरिंग तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि आम जनता भी अपने या अपनों के साथ हुए हादसों की सच्चाई जानने के लिए इनका सहारा ले रही है। पिछले 15 दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो कुल 54 लोग विभिन्न घटनाओं की फुटेज देखने के लिए नगर निगम स्थित स्मार्ट सिटी के कमांड कंट्रोल सेंटर पहुंचे, जिनमें से 45 लोगों को फुटेज उपलब्ध कराई गई। इन मामलों में चोरी से जुड़े केस सबसे अधिक रहे।
चोरी, एक्सीडेंट और लूट के मामले प्रमुख
मुख्य डाटा अधिकारी सौरभ अग्रवाल के अनुसार, 14 से 28 फरवरी के बीच सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित फुटेज देखने के लिए 7 लोग पहुंचे, जिनमें से 6 को फुटेज दिखाई गई, जबकि एक मामले की फुटेज उपलब्ध नहीं थी। इसी अवधि में चोरी के मामलों में 13 लोग फुटेज देखने पहुंचे, जिनमें से 12 को फुटेज उपलब्ध कराई गई। लूट और गुमशुदगी के मामलों में 3-3 लोग पहुंचे, जबकि वाहन चोरी और अन्य चोरी के मामलों में 9 लोग कमांड सेंटर पहुंचे।
1500 कैमरों से शहर पर 24 घंटे निगरानी
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहर के प्रमुख तिराहों और चौराहों पर 1500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो 24 घंटे निगरानी रखते हैं। पुलिस प्रशासन के अलावा आम नागरिक भी अपने व्यक्तिगत मामलों की जांच-पड़ताल के लिए इन फुटेज का उपयोग कर सकते हैं।
सीसीटीवी फुटेज देखने के लिए शुल्क तय
स्मार्ट सिटी कंट्रोल सेंटर में किसी भी नागरिक को सीसीटीवी फुटेज देखने के लिए शुल्क देना होता है। सामान्य दिनों में पहले 30 मिनट के लिए 100 रुपये, और उसके बाद प्रत्येक 30 मिनट के लिए 150 रुपये अतिरिक्त लिए जाते हैं। वहीं, शनिवार और रविवार को पहले 30 मिनट के लिए 250 रुपये का शुल्क निर्धारित है, जिसके बाद हर 30 मिनट के लिए 500 रुपये का भुगतान करना होता है। हालांकि, पुलिस को किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ता है।
आधार कार्ड अनिवार्य, घटना विवरण भरना होगा
सीसीटीवी फुटेज देखने के लिए व्यक्ति को अपना आधार कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इसके साथ ही, एक फार्म भरना होता है जिसमें घटना से जुड़ी विस्तृत जानकारी देनी होती है। एक समय में केवल एक व्यक्ति को ही फुटेज देखने की अनुमति दी जाती है। शहरवासियों के लिए यह सुविधा दुर्घटनाओं और आपराधिक घटनाओं के मामलों में साक्ष्य जुटाने के लिहाज से बेहद उपयोगी साबित हो रही है। इससे न केवल मामलों की वास्तविकता सामने आ रही है, बल्कि पुलिस की जांच में भी मदद मिल रही है।
क्राइम रिपोर्टर ब्रजमोहन निगम की रिपोर्ट