आगरा लाईव न्यूज। प्रतिष्ठित डॉक्टर के अपहरण और फिरौती मांगने के सनसनीखेज मामले में आगरा की एडीजे-03 डकैती कोर्ट ने दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। यह मामला वर्ष 2005 का है, जब आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से डॉक्टर का अपहरण कर लिया था।
घटना का पूरा विवरण : डॉ. आर.डी. गुप्ता के पुत्र राकेश मोहनिया ने थाना सदर बाजार में शिकायत दर्ज कराई थी कि 3 दिसंबर 2005 को अभियुक्तों ने उनका अपहरण कर गाड़ी में डाल लिया और परिजनों से फिरौती की मांग की। हालांकि, अपहृत व्यक्ति ने शोर मचाया, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने सतर्कता दिखाई और गाड़ी पर ईंट-पत्थर बरसाकर उन्हें छुड़ा लिया। इस घटना के बाद थाना सदर बाजार पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 5 दिसंबर 2005 को अभियुक्तों डॉ. राजेंद्र पुत्र भीमसैन (निवासी अभुआपुरा, थाना निबोहरा, आगरा) और साधु यादव उर्फ शादीलाल उर्फ नरेंद्र पुत्र दलवीर (निवासी नसीरपुर, थाना नसीरपुर, फिरोजाबाद) को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की सटीक जांच और अभियुक्तों की सजा
पुलिस द्वारा तत्काल विवेचना और पुख्ता साक्ष्य जुटाने के बाद 23 मार्च 2006 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। कोर्ट में पेश किए गए साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर दोनों अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया। इसके बाद 24 मार्च 2025 को एडीजे-03 डकैती कोर्ट ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपये के आर्थिक दंड से दंडित किया।
कानून व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण फैसला
उत्तर प्रदेश पुलिस के “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत इस मामले में प्रभावी पैरवी की गई, जिससे अपराधियों को कड़ी सजा दिलाई जा सकी। यह फैसला समाज में अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि कानून से बच पाना नामुमकिन है। कमिश्नरेट आगरा पुलिस ने कहा कि वे अपराधों को खत्म करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत रहेंगे।