आगरा लाईव न्यूज। सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज, आगरा के शरीर क्रिया विज्ञान (फिजियोलॉजी) विभाग और एसोसिएशन ऑफ फिजियोलॉजिस्ट, आगरा के संयुक्त तत्वावधान में “साइको न्यूरो फिजियोलॉजी” विषय पर एक राष्ट्रीय स्तर का शैक्षणिक एवं वैज्ञानिक आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन के अंतर्गत 27 मार्च 2025 को एक दिवसीय कार्यशाला तथा 28 व 29 मार्च 2025 को द्विदिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण आयोजन में देशभर के चिकित्सा महाविद्यालयों से लगभग 200 से 250 विशेषज्ञ डॉक्टरों, शोधकर्ताओं एवं चिकित्सा छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
साइको न्यूरो फिजियोलॉजी एक आधुनिक और बहुआयामी चिकित्सा विज्ञान है, जो मानव मस्तिष्क की संरचना, न्यूरल नेटवर्क्स और उनकी मानसिक प्रक्रियाओं व व्यवहार पर प्रभाव को समझने पर केंद्रित है। वर्तमान जीवनशैली में तनाव, अवसाद, चिंता विकार, निर्णय क्षमता में कमी और मानसिक अस्थिरता जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य और न्यूरोलॉजी के बीच की कड़ी को समझना और नई चिकित्सा पद्धतियों एवं शोध कार्यों को बढ़ावा देना है।कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञ डॉक्टर और शोधकर्ता विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे। तनाव और चिंता विकार से लेकर मनोवैज्ञानिक रोगों, जैसे कि अवसाद, पैनिक डिसऑर्डर, पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) और साइकोसिस पर न्यूरो नेटवर्क्स की भूमिका को समझने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, मस्तिष्क की निर्णय क्षमता और व्यवहार परिवर्तन में प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स, एमिगडाला और हिप्पोकैम्पस की भूमिका का भी विश्लेषण किया जाएगा।
शिक्षा और स्मृति के क्षेत्र में न्यूरो फिजियोलॉजी का क्या योगदान है, यह भी इस सम्मेलन का एक प्रमुख विषय होगा। यह अध्ययन किया जाएगा कि मस्तिष्क किस प्रकार नई जानकारी को ग्रहण करता है, संग्रहित करता है और आवश्यकता पड़ने पर उसे स्मरण करता है। इससे शिक्षण तकनीकों और विशेष शिक्षा (स्पेशल एजुकेशन) में सुधार की संभावनाएं बढ़ेंगी। योग और ध्यान के न्यूरो फिजियोलॉजिकल प्रभाव को लेकर भी कई सत्र आयोजित किए जाएंगे। विभिन्न शोधों और प्रयोगों से यह स्पष्ट हुआ है कि EEG और EMG जैसे उपकरणों के माध्यम से यह सिद्ध किया जा सकता है कि योग और ध्यान मस्तिष्क में सकारात्मक तरंगों और हार्मोनल स्थिरता का निर्माण करते हैं। इससे मानसिक शांति, ध्यान और एकाग्रता में वृद्धि होती है।
सम्मेलन के दौरान कई व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। इनमें इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राफी (EEG) के माध्यम से मस्तिष्क तरंगों का अध्ययन, नर्व कंडक्शन वेलोसिटी (NCV) और इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG) के माध्यम से तंत्रिका और मांसपेशियों की कार्यप्रणाली का परीक्षण शामिल हैं। ध्यान और योग पर आधारित वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर भी व्यावहारिक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।इस आयोजन से देश के मनोचिकित्सकों, न्यूरोलॉजिस्ट, फिजियोलॉजिस्ट और मेडिकल छात्रों को एक साझा मंच प्राप्त होगा, जहां वे मानसिक स्वास्थ्य, व्यवहारिक विकारों और न्यूरो बायोलॉजिकल शोध पर गहन चर्चा कर सकेंगे। इससे समग्र चिकित्सा (होलिस्टिक मेडिसिन) की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकेंगे।
डॉ. प्रशांत गुप्ता, डीन एवं प्रधानाचार्य, एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा ने विश्वास व्यक्त किया है कि यह सम्मेलन साइकोलॉजी और न्यूरोलॉजी से जुड़े विज्ञान को एक नई दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से चिकित्सा जगत में मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्र में नए शोध और तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भविष्य में मरीजों को अधिक प्रभावी उपचार मिल सकेगा।
इस सम्मेलन के आयोजन में फिजियोलॉजी विभाग की प्रमुख भूमिका है। आयोजन समिति में डॉ. ऋचा श्रीवास्तव (प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, फिजियोलॉजी विभाग), डॉ. दिव्या श्रीवास्तव, डॉ. आशुतोष भारद्वाज, डॉ. गौरव सिंह (सभी प्रोफेसर), डॉ. शिप्रा चंद्रा (सह आचार्य), डॉ. निधि यादव एवं डॉ. शुभांगी गोयल (सहायक आचार्य) सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।यह सम्मेलन मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए दृष्टिकोण प्रस्तुत करेगा और तंत्रिका विज्ञान व व्यवहार विज्ञान के परस्पर संबंधों को समझने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।