आगरा। ताजनगरी में इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना सामने आई, जहां महज ढाई लाख रुपये की फिरौती के लिए चार वर्षीय बच्चे का अपहरण उसी के चाचा ने कर लिया। लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से यह सनसनीखेज मामला कुछ ही घंटों में सुलझ गया। शुक्रवार को हुई इस वारदात के बाद शनिवार तड़के पुलिस की अपहरणकर्ताओं से मुठभेड़ हो गई, जिसमें दो बदमाश गोली लगने से घायल हो गए, जबकि दो अन्य आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले।
चाचा ने ही किया भतीजे का अपहरण
जानकारी के अनुसार, एत्माद्दौला क्षेत्र के सुशील नगर निवासी सराफा व्यापारी सोनू वर्मा की मोहल्ले में ही राधे ज्वैलर्स नाम से दुकान है। शुक्रवार दोपहर करीब 1:15 बजे उनकी मां पदमा वर्मा अपने घर लौट रही थीं। पीछे-पीछे उनका चार वर्षीय पौत्र जय वर्मा भी चला गया, लेकिन वह घर नहीं पहुंचा। जब काफी देर तक बच्चा नहीं लौटा, तो घरवालों ने मोहल्ले में खोजबीन शुरू की, मगर कोई सुराग नहीं मिला। करीब तीन बजे पिता सोनू वर्मा के मोबाइल पर एक कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को वाटर वर्क्स के पास बताते हुए 2.50 लाख रुपये फिरौती की मांग की। थोड़ी देर बाद फिर उसी नंबर से कॉल आई और अपहरणकर्ताओं ने रामबाग के पास रुपये लेकर आने को कहा। इसके बाद फोन स्विच ऑफ हो गया।

पुलिस का दबाव और आठ घंटे बाद मिली राहत
घटना की जानकारी मिलते ही एत्माद्दौला थाना पुलिस, एसओजी और सर्विलांस की दस टीमें बच्चे की तलाश में लग गईं। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। एक फुटेज में बच्चे के चाचा गगन वर्मा को जय को पैदल ले जाते हुए देखा गया, जबकि थोड़ी दूरी पर उसका साथी एक्टिवा स्कूटी लेकर खड़ा था। दोनों बच्चे को लेकर वहां से निकल गए। पुलिस का शिकंजा कसता देख रात करीब नौ बजे अपहरणकर्ताओं ने बच्चे को घर से थोड़ी दूरी पर छोड़ दिया। घर में जैसे ही बच्चे की वापसी हुई, माता-पिता और दादा-दादी की आंखों से राहत के आँसू झर पड़े। पिता सोनू वर्मा और मां कामिनी वर्मा बच्चे से लिपटकर रो पड़े। दादी पदमा वर्मा ने कहा— “हमें यकीन नहीं था कि हमारा जय फिर से गोद में लौट आएगा।”

पुलिस मुठभेड़ में दो बदमाश घायल
घटना का खुलासा होने के बाद देर रात पुलिस ने अपहरण में शामिल बदमाशों की तलाश में महताब बाग मैदान के पास घेराबंदी की। तभी संदिग्धों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दो बदमाशों को गोली लग गई, जो घायल होकर गिर पड़े। घायलों की पहचान साबिर पुत्र ताज मोहम्मद निवासी प्रकाश नगर और सत्य प्रकाश उर्फ बबलू पुत्र प्रमोद निवासी प्रकाश नगर के रूप में हुई है। दोनों के पैरों में गोली लगी, जिन्हें तत्काल उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया गया। वहीं उनके साथी गगन उर्फ कारें (बच्चे का चाचा) और आकाश उर्फ अल्लू मौके से फरार हो गए। पुलिस ने उनके खिलाफ सघन कॉम्बिंग अभियान शुरू कर दिया है।
तमंचे, कारतूस और मोबाइल बरामद
मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने 02 अवैध तमंचे, 02 जिंदा व 01 मिस कारतूस (.315 बोर) और अपहरण में प्रयुक्त मोबाइल फोन बरामद किया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गिरोह फिरौती वसूलने के लिए बच्चे को बंधक बनाए रखना चाहता था।

पुलिस अधिकारियों की प्रतिक्रिया
सहायक पुलिस आयुक्त (छत्ता) पीयूषकांत राय ने बताया— “थाना एत्माद्दौला, सर्विलांस और एसओजी की टीम ने संयुक्त रूप से तेजी से काम किया। दो बदमाशों को मुठभेड़ में पकड़ लिया गया है और दो की तलाश जारी है। अपहृत बच्चा पूरी तरह सुरक्षित है और आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जांच की जा रही है।”डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने भी मौके का निरीक्षण किया और पूरी कार्रवाई की निगरानी की। उन्होंने कहा कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने बच्चे की जान बचा ली और एक बड़ी वारदात को अंजाम तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया।

मुकदमा दर्ज, फरारों की तलाश जारी
पुलिस ने दोनों घायल बदमाशों के खिलाफ हत्या के प्रयास, अपहरण और अवैध हथियार रखने के तहत मुकदमा दर्ज किया है। फरार गगन और आकाश की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है। पुलिस का कहना है कि अपराधियों को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। एत्माद्दौला की यह घटना न सिर्फ अपराध की जघन्यता दिखाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि आगरा पुलिस की मुस्तैदी और त्वरित एक्शन से शहर में कानून का भय अब भी कायम है। बच्चे के सुरक्षित लौट आने से जहां परिजनों ने राहत की सांस ली है, वहीं पूरे शहर ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है।

