भाजपा विधायक का बड़ा खुलासा, छावनी विधानसभा में 60 हजार फर्जी वोटरों का पर्दाफाश

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🔴 विधायक डॉ. जीएस धर्मेश बोले: ‘अब नहीं चलेगा फर्जी वोटरों का खेल’

आगरा। लोकतंत्र के मंदिर में मतदाता सूची की पवित्रता को बनाए रखने के उद्देश्य से आगरा छावनी विधानसभा के भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने बड़ा खुलासा किया है। विधायक ने बताया कि छावनी क्षेत्र में मतदाता सूची में भारी गड़बड़ियां सामने आई हैं। उनके अनुसार, करीब 65 बूथों पर करीब 60 हजार फर्जी मतदाताओं की पहचान की गई है। विधायक ने इस पूरे मामले में बीएलओ की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं और कहा है कि वे इसकी शिकायत जल्द ही चुनाव आयोग से करेंगे।


🗳️ विधानसभा स्तर पर शुरू किया गया बड़ा सत्यापन अभियान

विधायक डॉ. धर्मेश ने बताया कि उत्तर प्रदेश सहित 12 राज्यों में चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर (स्पेशल इलेक्टोरल रोल सर्वे) लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, लेकिन उन्होंने छावनी क्षेत्र में यह काम आयोग से पहले ही प्रारंभ कर दिया। उन्होंने कहा कि “हमने अपने स्तर पर बूथवार मतदाता सूचियों का परीक्षण कराया। इसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं — कई नाम ऐसे हैं जो या तो स्थानांतरित हो चुके हैं, मृत हैं या फिर कभी उस पते पर रहे ही नहीं।”

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📊 छावनी विधानसभा का मतदाता और बूथ विवरण

छावनी विधानसभा क्षेत्र में कुल 4,82,942 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनके लिए 469 मतदान केंद्र (बूथ) बनाए गए हैं। विधायक के अनुसार, इनमें से 65 बूथों पर विशेष जांच की गई, जहां लगभग 60,000 फर्जी वोटर पाए गए। ये नाम वर्षों से मतदाता सूची में बने हुए थे, जबकि इनमें से कई व्यक्ति अन्य जनपदों या राज्यों में स्थानांतरित हो चुके हैं।


विधायक धर्मेश बोले — “फर्जी वोटरों का नेटवर्क सक्रिय, कार्रवाई जरूरी”

प्रेस वार्ता के दौरान विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने कहा कि छावनी क्षेत्र में कुछ स्थानों पर बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की मिलीभगत से फर्जी वोटरों का नेटवर्क सक्रिय है। ये लोग मतदाता सूची में काल्पनिक नाम जोड़कर चुनाव परिणामों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा,

“लोकतंत्र की जड़ें तभी मजबूत होंगी जब मतदान प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। अगर वोटर लिस्ट में फर्जी नाम रहेंगे तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।”


🧩 फर्जी वोटरों की पहचान ऐसे हुई

विधायक के अनुसार, प्रत्येक बूथ पर स्थानीय कार्यकर्ताओं की मदद से मतदाता सूची का मिलान क्षेत्रवार निवासियों से किया गया। इस जांच में यह भी पाया गया कि कई नाम एक ही घर में बार-बार दर्ज हैं, जबकि कुछ पते पर कभी कोई मतदाता रहा ही नहीं। विधायक ने कहा कि ऐसे सभी फर्जी नामों की सूची तैयार कर ली गई है और उन्हें चुनाव आयोग को सौंपा जाएगा।

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📢 चुनाव आयोग को भेजी जाएगी रिपोर्ट

डॉ. धर्मेश ने बताया कि वह आने वाले दिनों में आगरा जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य चुनाव आयोग को पूरी रिपोर्ट सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने वाले बीएलओ के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की जाएगी।

“हम यह नहीं कह रहे कि सभी बीएलओ दोषी हैं, लेकिन जिनके बूथ पर यह गड़बड़ी मिली है, वहां कार्रवाई होनी चाहिए। यह आवश्यक है कि मतदाता सूची में केवल वही नाम रहें जो वास्तविक रूप से क्षेत्र में निवास करते हैं।”


🧮 छावनी विधानसभा में बदलेगा चुनावी गणित

60 हजार फर्जी मतदाताओं की छटनी से छावनी विधानसभा का चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल सकता है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ये नाम मतदाता सूची से हटाए गए तो कई वार्डों में मत प्रतिशत और मतदाता संख्या में बड़ा अंतर आएगा। इससे निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा।


🔔 एसआईआर सिस्टम लागू करने की तैयारी

चुनाव आयोग ने देश के 12 राज्यों में एसआईआर (Special Integrated Revision) लागू करने का निर्णय लिया है। इस प्रणाली के तहत बूथवार मतदाता सत्यापन, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं की पहचान और आधार से लिंकिंग की जाएगी। उत्तर प्रदेश में यह प्रक्रिया शीघ्र शुरू होने वाली है, जबकि छावनी विधायक ने अपने स्तर पर पहले ही इस अभियान की शुरुआत कर दी है।

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📌 विधायक की अपील – जनता करें सहयोग

डॉ. धर्मेश ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि अगर किसी को भी अपने क्षेत्र में फर्जी वोटर या गलत नाम दिखाई दें, तो तुरंत संबंधित बीएलओ या विधायक कार्यालय को जानकारी दें। उन्होंने कहा,

“हर सच्चे नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह निष्पक्ष मतदान प्रक्रिया में सहयोग करे। एक सही मतदाता, एक सही वोट — यही हमारा संकल्प है।”


🗣️ राजनीतिक गलियारों में हलचल

छावनी विधानसभा में इतने बड़े स्तर पर फर्जी वोटर मिलने की जानकारी से राजनीतिक हलचल मच गई है। विपक्षी दल इस खुलासे को भाजपा की रणनीतिक चाल बता रहे हैं, जबकि भाजपा समर्थक इसे “पारदर्शी लोकतंत्र की दिशा में साहसिक कदम” कह रहे हैं।


🏅 ‘वोटर सूची शुद्धिकरण अभियान’ बना चर्चा का विषय

विधायक डॉ. जीएस धर्मेश के इस अभियान को अब अन्य विधानसभाओं में भी उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है। चुनाव आयोग के अधिकारी भी छावनी क्षेत्र में की गई जांच रिपोर्ट को आधार बनाकर आगे की प्रक्रिया तय कर सकते हैं।


🔥 छावनी विधायक डॉ. जीएस धर्मेश के इस कदम ने आगरा की सियासत में नई बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर भाजपा इसे पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम बता रही है, वहीं दूसरी ओर अन्य दलों के लिए यह चेतावनी है कि अब “फर्जी वोटरों का खेल” नहीं चलेगा।


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