🌊 मेला बटेश्वर नाथ में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में उठी जनपद के भूजल सुधार की बड़ी मांग
आगरा। ताजनगरी और इसके ग्रामीण इलाकों में बढ़ते जल संकट और गिरते भूजल स्तर को लेकर चिंता अब आवाज़ का रूप ले चुकी है। मेला बटेश्वर नाथ में आयोजित पत्रकार सम्मेलन और संगोष्ठी में जल संरक्षण को लेकर कई अहम सुझाव सामने आए। सम्मेलन में रेहावली गांव में उटंगन नदी पर बांध निर्माण को आगरा के जल संकट से स्थायी राहत का सबसे प्रभावी उपाय बताया गया। मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया ने कहा कि रेहावली बांध योजना लागू होने से हजारों हैंडपंप फिर से सुचारू हो जाएंगे, भूजल स्तर सुधरेगा और किसानों की सिंचाई की समस्या भी दूर होगी। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष भी रखा जा चुका है। डॉ. भदौरिया ने कहा, “उटंगन नदी में जल संचय कर जनपद के सैकड़ों गांवों को पेयजल संकट से उबारा जा सकता है। यह योजना केवल तकनीकी नहीं, बल्कि मानवीय जरूरत की पहल है।”

💧 भूजल सुधार की दिशा में बड़ा कदम
मुख्य वक्ता ज्ञानेंद्र रावत ने बताया कि उटंगन नदी जनपद की तीसरी सबसे बड़ी नदी है और भूगर्भीय रिचार्ज के लिहाज से सबसे अहम है। मानसून के समय यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने पर उटंगन में बैक वाटर की स्थिति बनती है, जिससे 17 किलोमीटर तक जल फैलाव होता है। उन्होंने कहा कि रेहावली गांव में प्रस्तावित बांध इस जलराशि को संचित कर शमशाबाद और फतेहाबाद नगर निकायों को मीठा पेयजल उपलब्ध कराने में सक्षम होगा। साथ ही किसानों के लिए सिंचाई की स्थायी सुविधा भी बनेगी।

🏞️ “आस्था से जुड़ी जलधारा”
सिविल सोसाइटी का पक्षसिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के सचिव अनिल शर्मा ने कहा कि उटंगन नदी राजस्थान की करौली पहाड़ियों से निकलती है और भरतपुर के रास्ते आगरा जनपद में प्रवेश करती है। यह यमुना और चंबल के बाद जिले की तीसरी प्रमुख नदी है, लेकिन भूजल रिचार्ज की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि सिविल सोसाइटी ने पहले ही नदी के ड्रोन सर्वेक्षण करवाए हैं और जलग्रहण क्षेत्र का विस्तृत अध्ययन किया गया है। संगठन लंबे समय से रेहावली बांध निर्माण की मांग स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार तक पहुंचा रहा है।
🌾 किसानों और गांवों को सीधा लाभ
संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने कहा कि रेहावली बांध बनने से आसपास के 82 किलोमीटर क्षेत्र के गांवों में हैंडपंप पुनः चलने लगेंगे और भूमिगत जलस्तर में स्थायी सुधार होगा।राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर देव तिवारी ने कहा कि मानसून में जो पानी यमुना में व्यर्थ बह जाता है, उसे इस बांध के जरिए रोकना न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण है, बल्कि कृषि विकास की दिशा में भी बड़ा कदम होगा।

🗣️ पत्रकारों ने भी जताई सहमति
संगोष्ठी में उपस्थित ग्रामीण पत्रकारों ने माना कि उटंगन नदी पर रेहावली बांध बनाना आगरा जिले की जल समस्या का सबसे व्यावहारिक और सहज समाधान है।सभी अतिथियों और पत्रकारों का सम्मान करने के बाद जिला अध्यक्ष विष्णु सिकरवार ने धन्यवाद ज्ञापित किया और सभी से भोलेनाथ के दर्शन कर जल संरक्षण का संकल्प लेने का आग्रह किया।
📸 कार्यक्रम में सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के सदस्य असलम सलीमी, अरुणेश श्रोतिया, मंडल अध्यक्ष अखिलेश सक्सेना, महासचिव संत कुमार भारद्वाज, जिला सूचना अधिकारी शैलेंद्र शर्मा सहित जिलेभर के पत्रकार मौजूद रहे।
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