खड़िया मार्ग गड्ढों और गंदे पानी में डूबा, बच्चों की पढ़ाई पर मंडराया संकट, शिक्षक भी बेहाल

0

🛣️ हाथरस-आगरा बॉर्डर पर मंडी समिति मार्ग की दुर्दशा से चरमराई शिक्षा व्यवस्था, जिम्मेदार विभागों की अनदेखी पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

आगरा। सरकार “पढ़ोगे तो आगे बढ़ोगे” और “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे नारे देकर शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का दावा करती है, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। हाथरस-आगरा सीमा पर स्थित मंडी समिति मार्ग, जो बरोश कट, खड़िया, नगला कंचन और सेमरा जैसे दर्जनों गांवों को जोड़ता है, आज गड्ढों और गंदे पानी का दलदल बन चुका है। बरसात के बाद से यह सड़क पूरी तरह टूट चुकी है और हर कदम पर कीचड़ का अंबार नजर आता है।यह मार्ग एत्मादपुर हाईवे से जुड़ता है और क्षेत्र के हजारों लोगों के आवागमन का मुख्य रास्ता है। लेकिन अब यह रास्ता ग्रामीणों के लिए मुसीबत का पर्याय बन गया है। खासकर विद्यालय जाने वाले बच्चों के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

👧 शिक्षा का रास्ता बना संकट का सफर

हर दिन सैकड़ों बच्चे इसी मार्ग से स्कूल पहुंचते हैं। सड़क पर जगह-जगह बने गहरे गड्ढों में भरा गंदा पानी उनकी राह रोक देता है। कई बच्चे फिसलकर गिर जाते हैं, कपड़े गंदे हो जाते हैं और शिक्षक उन्हें वापस घर भेज देते हैं। नतीजा यह है कि कई बच्चे अब विद्यालय जाने से कतराने लगे हैं।कई अभिभावकों ने बताया कि वे अपनी बेटियों को इस रास्ते से भेजने से डरते हैं, क्योंकि कीचड़ और गंदगी के कारण रास्ता असुरक्षित हो गया है। शिक्षा का जो मार्ग उज्जवल भविष्य की ओर ले जाना चाहिए था, वह अब खतरों और असुविधा का प्रतीक बन गया है।

👨‍🏫 शिक्षक भी झेल रहे कठिनाई

केवल छात्र ही नहीं, बल्कि शिक्षक भी इसी बदहाल मार्ग से होकर स्कूल पहुंचते हैं। कई शिक्षकों ने बताया कि हर दिन मोटरसाइकिल फिसलने और गंदे पानी में गिरने की घटनाएं आम हैं। कई बार हादसे भी हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। एक शिक्षक ने बताया, “हम हर सुबह यही सोचते हैं कि आज कैसे निकलेंगे। कई बार बाइक बंद हो जाती है, कपड़े गंदे हो जाते हैं, और बच्चों के सामने खुद को संभालना मुश्किल पड़ता है।”

🚫 जिम्मेदारी से भागते विभाग

ग्रामीणों ने बताया कि पहले यह मार्ग मंडी समिति के अधीन था और तब इसकी हालत ठीक थी। लेकिन अब यह हाथरस और आगरा की सीमा में आने के कारण किसी एक विभाग की जिम्मेदारी में नहीं आता। इसी वजह से मरम्मत और रखरखाव पूरी तरह ठप है।गांव के बुजुर्ग हरिभान सिंह, रामनाथ और शीला देवी ने कहा, “वोट मांगने के वक्त नेता इसी रास्ते से होकर आते हैं, लेकिन जब बच्चों और शिक्षकों की परेशानी की बात आती है, तो कोई देखने नहीं आता। बारिश के बाद सड़क तालाब बन जाती है और कई बार बच्चे गिरकर घायल हो जाते हैं।”

💧 गड्ढों में भरा गंदा पानी बना बीमारी का कारण

बरसात के बाद सड़क पर भरे गंदे पानी से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों को स्कूल भेजना अब बीमारी और हादसे का जोखिम उठाने जैसा हो गया है। स्थानीय लोगों ने कई बार मंडी समिति, लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन को शिकायत दी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

📢 ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों ने एक स्वर में प्रशासन से मांग की है कि इस मार्ग की तुरंत मरम्मत कराई जाए और जल निकासी की व्यवस्था बनाई जाए, ताकि बच्चों और शिक्षकों को सुरक्षित तरीके से स्कूल आने-जाने में सुविधा हो सके।ग्रामीणों का कहना है कि जब तक यह सड़क नहीं सुधरेगी, तब तक सरकार के “हर बच्चा पढ़ेगा” और “शिक्षा सबका अधिकार है” जैसे नारे केवल दीवारों पर लिखे खोखले वादे बने रहेंगे।

📸 स्थानीय निवासियों ने बताया कि खड़िया मार्ग की दुर्दशा को लेकर सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी वायरल हुए हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अब तक मौके पर नहीं पहुंचे।

📰 आगरा लाइव न्यूज़, ताजनगरी की हर धड़कन, सबसे पहले आपके सामने!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here